नाराज शिक्षकों ने यूनिवर्सिटी में ही लगा दिए ताले !
झारखंड के प्रतिष्ठित विवि में शामिल नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को खत्म करने के विरोध में शिक्षकों ने तालाबंद कर विरोध जताया है। सरकार के निर्णय से नाराज शिक्षकों ने कई मुद्दों पर विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया। ट्रेजरी से पेमेंट के निर्णय के विरोध में शिक्षकों का यह विरोध लंबे समय से चल रहा है, दो माह से वेतन नहीं मिलने पर भी शिक्षकों में बेहद आक्रोश है।
कई कॉलेजों के शिक्षकों का विरोध
ट्रेजरी पेमेंट निर्णय के विरोध में जी.एल.ए. कॉलेज, स्नातकोत्तर विभाग, योध सिंह नामधारी महिला कॉलेज और एस.एस.जे.एस.एन. कॉलेज के शिक्षक, शिक्षिकाओं ने नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय कार्यालय के मुख्य द्वार में ताला लगा दिया और कुलपति, कुलसचिव, वित्त पदाधिकारी सहित अन्य पदाधिकारियों और कर्मचारियों को अंदर नहीं जाने दिया। तालाबंदी के पश्चात सभी शिक्षक बाहर धरने पर बैठ गए और अपनी मांगो के समर्थन में नारेबाजी की।
ट्रेजरी पेमेंट से विवि की स्वायत्तता खत्म
शिक्षकों ने सरकार के इस निर्णय को तानाशाह नियम बताया है। उनके अनुसार उच्च शिक्षा विभाग ने शिक्षकों और कर्मचारियों को ट्रेजरी से पेमेंट देने का जो निर्णय लिया है, उससे विश्वविद्यालय की स्वायत्तता को खत्म करने की साजिश है।
सरकार के नियमों के बीच शिक्षक मजबूर
दो महीने से बिना वेतन कार्य कर रहे शिक्षकों ने इस मामले में ये भी कहा कि अब तक सरकार ने भुगतान की प्रक्रिया भी तय नहीं की है। शिक्षकों ने विश्वविद्यालय से ही अविलंब वेतन भुगतान कराने की मांग की है। शिक्षकों का विरोध इस बात को लेकर भी रहा कि विवि ने हर वर्ष गर्मी की छुट्टी में परीक्षा का आयोजन कर शिक्षकों को छुट्टी में भी काम करने पर मजबूर किया।
आपस में उलझे शिक्षक
धरना स्थल पर वीसी के पहुंचने के बाद भी करीब आधे घंटे तक विरोध चलता रहा। सरकार और विवि के विरोध में नारेबाजी के साथ-साथ कुलपति की उदासीनता और उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठाए गए। बाद में शिक्षकों ने ताला खोल देने का निर्णय लिया, लेकिन अन्य दो शिक्षक विरोध जताने लगे। विवाद के बाद काफी समय बाद ताले खोले गए। इस पूरे मामले पर शिक्षकों को अब तक कोई जबाव नहीं मिला है, न हीं मांगो को पूरा करने के संबंधित किसी प्रकार की कोई चर्चा चली।
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