1995 के दौर में भी बनी हैं, नॉवेल बेस्ड फिल्में
बदलते दौर के साथ फिल्मों में भी नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। दर्शकों कि पसंद के अनुसार इन दिनों साहित्य पर फिल्में बनाई जा रही हैं, वैसे तो यह प्रयोग बहुत पहले से चला आ रहा है, कई फिल्में पहले भी नॉवेल बेस्ड बन चुकी है, पर कुछ समय के लिए इन पर काम होना बंद हो गया था। ये चलन फिर लौट आया है बॉलीवुड में। आज रियल स्टोरी, हिस्ट्री बेस्ट और बायोपिक के साथ साहित्य पर भी फिल्में बन रही हैं। उपन्यास पर आधारित सभी फिल्मों कि कमाई भी अच्छी रही है। 1995 में देव आनंद और वहीदा रहमान की फिल्म गाइड आर के नारायण के उपन्यास पर आधारित थी, इस फिल्म में बेहतर कमाई के साथ कई अवॉर्ड भी हासिल किए। ऐसी ही और भी फिल्में हैं, जो साहित्य पर आधारित हैं, कुछ बन चुकी हैं, और कुछ जल्द ही रिलीज होने वाली हैं-
देवदास
मूलरुप से बांग्ला में लिखित शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के उपन्यास देवदास पर अलग-अलग भाषा में तीन बार फिल्म बनाई जा चुकी है। निर्माता प्रमथेश बरुआ, विमल राय और संजय लीला भंसाली तीनों देवदास पर फिल्म बना चुके है। तीनों ही फिल्मों को दर्शकों ने बहुत पसंद किया।
शतरंज के खिलाड़ी
1977 में बनी सत्यजीत रे निर्देशित फिल्म शतरंज के खिलाड़़ी प्रेमचंद्र की लघु कहानी पर आधारित थी। फिल्म 1857 की क्रान्ति के आसपास की दौर की कहानी है। इस फिल्म में अमजद खान, संजीव कुमार, सईद जाफरी , शबाना आजमी और टॉम अल्टर मुख्य भूमिका में थे।
पिंजर
जानी-मानी लेखिका अमृता प्रीतम के उपन्यास पिंजर पर इसी नाम से फिल्म बनी थी। बंटवारे के दौरान हुए सामाजिक बदलाव, प्यार और नफरत कि कहानी पिंजर को दर्शकों ने बहुत पसंद किया। साल 2003 कि इस फिल्म को तीन अलग-अलग भाषाओं में बनाया गया था।
चेतन भगत
युवाओं के पसंदीदा लेखक चेतन भगत है, उनकी सभी नॉवेल पर फिल्में बनी हैं। जो दर्शक बहुत ज्यादा पसंद करते हैं। चेतन भगत पहले ऐसे लेखक हैं जिनकी नॉवेल पर अब तक सबसे ज्यादा फिल्में बनी हैं। फाइव पॉइंट समवन पर थ्री इडियट्स, थ्री मिस्टेक्स ऑफ माय लाइफ पर काय पो चे, वन नाइट ऐट कॉलसेंटर पर हैलो, और टू स्टेट्स पर भी फिल्म बनी है। जल्द ही इनकी नॉवेल हाफ गर्लफ्रेंड पर बेस्ड फिल्म रिलीज होने जा रही है।
विशाल भारद्वाज की फिल्में
निर्देशक विशाल भारद्वाज की ज्यादातर फिल्में नॉवेल पर आधारित रहीं हैं, और सभी फिल्मों को दर्शकों ने पसंद भी किया है। विशाल, शेक्सपीयर कि कहानियों को ज्यादा पसंद करते है, इसलिए उनकी ज्यादातर फिल्मेंं उन्हीं की कहानी पर आधारित रहती हैं। फिल्म मकबूल शेक्सपीयर के नाटक मैकबेथ, ओंकारा नाटक ऑथेलों और हैदर फिल्म हेमलेट पर आधारित थी। हैदर फिल्म को कई बड़े अवॉर्ड भी मिले हैं। विशाल भारद्वाज कि सात खून माफ फिल्म रस्किन बॉन्ड की कहानी सुजैनास सेवेन हस्बैंड पर आधारित थी।
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