Tuesday, September 5th, 2017 09:19:13
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पाकिस्तान की मिसाइल मदर के प्रधानमंत्री पिता को चौराहे पर दे दी गई थी फांसी




पाकिस्तान की मिसाइल मदर के प्रधानमंत्री पिता को चौराहे पर दे दी गई थी फांसीPoliticsWorld

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सबसे पहले आपको 27 दिसम्बर 2007 को रावलपिंडी में हुई घटना की याद दिलाते हैं कि किस तरह वहां पर पाकिस्तान की पहली महिला प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या कर दी गई थी। बेनजीर की हत्या की जिम्मेदारी एक आतंकी संगठन ने ली। लेकिन आजतक यह साफ नहीं हो सका है उनकी मृत्यू कैसे हुई है।

भारत में कम ही लोग जानते हैं कि जिस तरह इंदिरा गांधी को भारत में दुर्गा कहा जाता है ठीक उसी तरह बेनजीर को पाकिस्तान में मिसाइल मदर और पूरब की बेटी के नाम से जाना जाता है। उनका जन्म 21 जून 1953 में हुआ था। वे पाकिस्तान के ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो की बेटी हैं।बेनजीर भी पाकिस्तान की दो बार प्रधानमंत्री रह चुकी हैं और प्रजेन्ट में उनका बेटा पाकिस्तान की सियासत में अपने लिए जगह बनाने की लड़ाई लड़ रहा है। हालांकि हमारे चर्चा का विष्य बेनजीर या उनका बेटा नहीं है बल्कि बेनजीर के पिता ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो हैं।

हुआ था तख्तापलट
ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो 14 अगस्त 1973 से पांच जुलाई 1977 तक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के एक फ़ैसले पर उन्हें 1979 में फ़ाँसी पर लटका दिया गया था जिसमें सैन्य शासक ज़िया उल हक़ का हाथ समझा जाता है।

चार अप्रैल 1979 को फांसी दे दी गई थी
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो को चार अप्रैल 1979 को फांसी दे दी गई थी लेकिन पाकिस्तान की राजनीति में वो आज भी जिंदा हैं। पाकिस्तान की सिंध प्रांत में चार अप्रैल को सार्वजनिक अवकाश है। पाकिस्तान के ज्यादातर लोग पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो की हत्या के पीछे राजनीतिक साजिश मानते हैं। दरअसल पॉच जुलाई 1977 को पाकिस्तानी सेना के प्रमुख जनरल मोहम्मद जिया-उल-हक ने उनका तख्तापलट कर दिया था। भुट्टो ने इस तख्ता पलट का विरोध किया। वो पूरे देश में जनसभाएं करने लगे। तीन सितंबर को सेना ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। उन पर मार्च 1974 में अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी की हत्या का आरोप था। भुट्टो का मुकदमा स्थानीय कोर्ट के बजाय सीधे हाई कोर्ट में चला।

एक ही जगह पर तीन पीएम की हत्या
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि उन्हें अदालत में अपना पक्ष रखने का मौका नहीं मिला। 18 मार्च 1978 को भुट्टो को हत्या का दोषी न पाए जाने के बावजूद मौत की सजा दी गई। अब इसे संयोगकहें या साजिश लेकिन यहां बहुत कम ही लोग जानते हैं कि रावलपिंडी का लियाक़त बाग़, जहाँ बेनजीर भुट्टो की हत्या की गई।

वहीं पर पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाक़त अली ख़ान की भी इसी तरह एक चुनावी रैली में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद बेनजीर के पिता ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो को फांसी भी यहीं दी गई थी। यानि पाकिस्तान की इस जगह पर तीन-तीन प्रधानमंत्रियों की हत्या की जा चुकी है।

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