गुजरात में फिर भड़की पाटीदार आंदोलन की आग, कर्फ्यू घोषित
गुजरात में पटेल आंदोलन की आग एक बार फिर जलती देखने को मिल रही है। इस बार आरक्षण की मांग और पाटीदार नेता हार्दिक पटेल की रिहाई को लेकर पाटीदार समाज के लोगो ने गुजरात बंद बुलाया है। इस तरह की हिंसा देखते हुए मेहसाणा, सूरत, अहमदाबाद, राजकोट, वड़ोदरा और साबरकांठा में मोबाइल और इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। आज रात 12 बजे तक के लिए ये सेवाएं बंद हैं। ये सभी संवेदनशील इलाके हैं और इन इलाकों में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए हैं। इसके अलावा दो पुलिस थाना इलाकों वराछा और कापोदरा में धारा 144 लागू है।
मेहसाणा से भड़की हिंसा की आग
सबसे पहले रविवार को जेल भरो आंदोलन के दौरान मेहसाणा में हिंसा भड़क गई। आंदोलन की मंजूरी न होने के बावजूद बड़ी तादाद में जमा हुए पाटीदार समाज के लोगों की पुलिस से झड़प हो गई। पहले पत्थरबाज़ी हुई और फिर आंदोलनकारियों को काबू करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस छोड़ी और हवाई फायरिंग की।
हिंसा के कारण कर्फ्यू घोषित
उग्र लोगो ने हिंसा के चलते कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है और तोड़फोड़ की। हालात की गंभीरता को देखते हुए मेहसाणा में कर्फ्यू लगा दिया, जो आज भी जारी है। सूरत में भी हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाएं हुई हैं। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सूबे की मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को फोन कर हालात का जायज़ा लिया है।
सुरक्षा व्यवस्था है कड़ी
गुजरात के मुख्य सचिव जीआर अलोरिया ने बताया कि रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की पांच कंपनियां इन तीन शहरों में तैनात की गई है। इसके अलावा, स्टेट रिजर्व पुलिस (एसआरपी) की 20 कंपनियों को भी पूरे राज्य में तैनात किया गया है। देर शाम वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद अलोरिया ने बताया, ’नियमित पुलिस बल के अलावा, हमने अहमदाबाद और मेहसाणा में आरएएफ की दो-दो कंपनियां और एक कंपनी सूरत में तैनात की है। अगर जरूरत हुई तो स्थिति से निपटने के लिए हम केन्द्र से आरएएफ की 10 और कंपनियां आवंटित करने को कहेंगे।
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