देखिए 15 अगस्त 1947 की रात की तस्वीरें जिसके हम गवाह नहीं बन सके
15 अगस्त 1947 ऐसी रात थी, कि जब लोग सोए तो गुलामी के देश में थे, और जब सुबह जागे तो वो उनकी आजादी की सुबह थी। दरअसल, जिस रात को भारत की आजादी की घोषणा होनी थी, उसी रात को पाकिस्तान में आजादी का जश्र शुरू हुआ था। आजादी की इस सुबह की कीमत बहुत ज्यादा थी और इसका अंदाजा अपने देश के लिए कुर्बानी देने वाले लोगों को पता था। महात्मा गांधी ने इस कीमत को समझते हुए आजादी के जश्न तक से इंकार कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने चौबीस घंटे का उपवास रखकर देशवासियों को ये संदेश देने की कोशिश की थी कि आजादी की असल सुबह अभी बाकी है। लेकिन इन सब परिस्थितियों के बीच आज हम आपको आजादी की रात की उन तस्वीरों से रूबरू कराएंगे जो हम नहीं देख सके।
15 अगस्त 1947 की आधी रात को नेहरूजी ने ऐतिहासिक भाषण देते हुए लोगों को आजादी का संदेश दिया।
.. अगस्त की रात को आजादी का जश्र शुरू हुआ था। जिसकी औपचारिक शुरूआत संसद भवन से शुरू हुई थी।
जब भारत छोड़ो आंदोलन का फैसला कांग्रेस की बैठक में लिया गया।
– भररत पाकिस्तान के विभाजन के लिए मतदान में विभाजन के लिए समर्थन देते नेहरू जी और अन्य नेता।
– गफफार खां, नेहरूजी और गांधीजी साथ-साथ।
– लॉर्ड माउंटबेटन के साथ पंडित नेहरू और जिन्ना विभाजन की शर्तों पर चर्चा करते हुए।
जब नेहरू जी को गांधीजी की हत्या की सूचना मिली तो आनन फानन में बिड़ला नगर से निकलते नेहरूजी।