ये जिहादियों का नहीं, बंदरों का आतंक है
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक ऐसी जनहित याचिका दायर हुई है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण के लीला-धाम वृन्दावन में बंदरों के बढ़ते उत्पात से निजात पाने के लिए गुहार लगाई है। सामाजिक कार्यकर्ता महंत मधुमंगल शरण दास शुक्ल के अधिवक्ता आलोक कृष्ण त्रिपाठी एवं धीरज कुमार पांडेय ने बताया कि मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश डी.बी. भोंसले एवं एम.के. गुप्ता की खण्डपीठ ने इसे संवेदनशील एवं गंभीर मामला बताया है। इस संबंध में न्यायालय ने विपक्षी पार्टियों को नोटिस जारी करते हुए 8 जुलाई की अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए आदेश दिया है।
बंदरों की समस्या को लेकर महंत मधुमंगल शरण दास शुक्ल ने प्रशासन से पत्राचार कर ठोस कदम उठाने की मांग भी की थी। उनके द्वारा कई बार अपनी उक्त मांग सरकार के प्रतिनिधियों एवं सरकार के समक्ष भी रखी गई थी, लेकिन बंदरों का आतंक रोकने को कोई प्रयास नहीं हो पाया।
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