परिवर्तन संसार का नियम है ऐसा महाभारत में लिखा है और नए-नए परिवर्तनों की ओर भारत अग्रसर हो रहा है, ऐसा हम देख रहे हैं लेकिन आने वाले 15 साल में भारत कैसा होगा, उसमें क्या-क्या परिवर्तन लाए जाएंगे इन सब का पूरा रोडमैप नीति आयोग और पीएम मोदी की मीटिंग में तैयार हुआ है।
कौन-कौन हुए मीटिंग में शामिल
नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की तीसरी बैठक रविवार को हुई। इसकी अध्यक्षत पीएम नरेंद्र मोदी ने की। राष्ट्रपति भवन में हुई इस बैठक में कैबिनेट मंत्री, राज्यों के सीएम, अधिकारी, नीति आयोग के सदस्य और खास तौर पर बुलाए गए मेहमान शामिल हुए। हालांकि, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल इस बैठक में नहीं गए। केजरीवाल की जगह डेप्युटी सीएम मनीष सिसोदिया बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे।
मांगा राज्यों के सीएम का सहयोग
इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि वह इस बात से सहमत हैं कि ’न्यू इंडिया’ का विजन तभी साकार हो सकता है, जब राज्य और उसके मुख्यमंत्री मिलकर प्रयास करें। राज्य भी अब नीति निर्धारण की प्रक्रिया का हिस्सा बनेंगे। मुख्यमंत्रियों की अहमियत पर बोलते हुए पीएम ने कहा कि नीति के जरिए अहम मुद्दों मसलन-केंद्रीय योजनाओं, स्वच्छ भारत, स्किल डिवेलपमेंट और डिजिटल पेमेंट आदि पर मुख्यमंत्रियों की राय ली जाएगी। पीएम के मुताबिक, देश में बदलाव लाने के लिए नीती आयोग नए जोश के साथ कदम उठा रहा है। पीएम ने यह भी माना कि नीति आयोग सरकारी इनपुट्स पर आधारित नहीं है। बदलाव को साकार करने के लिए युवा विशेषज्ञों और एक्सपर्ट को जोड़ा गया है।
अपोजिशन पार्टी के सीएम भी हुए शामिल
विपक्ष शासित राज्यों में से पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री पलनिसामी बैठक में शामिल हुए। बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी पहुंचे। इनके अलावा मीटिंग में शामिल होने वाले केंद्रीय मंत्रियों में नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह, सुरेश प्रभु, प्रकाश जावड़ेकर, राव इंद्रजीत सिंह और स्मृति इरानी आदि प्रमुख रहे।
पिछली बैठकों में ये था ख़ास
बैठक में आयोग की पिछली दो बैठकों के फैसलों पर की गई कार्रवाई की विस्तृत समीक्षा की गई। पहली बैठक 8 फरवरी 2015 को और दूसरी बैठक 15 जुलाई 2015 को हुई थी। पहली बैठक भी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में हुई थी, जिसमें केंद्र और राज्यों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने और महत्वपूर्ण सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों की निगरानी का फैसला किया गया था। यह भी फैसला किया गया कि नीति आयोग केंद्र और राज्य के बीच एक पुल की तरह और सरकारी थिंक टैंक की तरह काम करे। पहली बैठक में मुख्यमंत्रियों के तीन ग्रुप और दो कार्यबलों का गठन किया गया था। पहले का गठन देश की गरीबी दूर करने के लिए प्लान बनाने और दूसरा कृषि में विकास के उपाय सुझाने के लिए गठित किया गया। दूसरी बैठक में इनके काम की प्रगति की समीक्षा की गई थी।