AAP पर आफत, रद्द हो सकती है 27 विधायकों की सदस्यता
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आम आदमी पार्टी के 27 विधायकों की मुश्किलें अब बढ़ चुकी है। राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने विधायकों की सदस्यता रद्द करने वाली याचिका को चुनाव आयोग को भेज दी है। इतना ही नहीं राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग से इस पूरे मामले पर तुरंत कार्रवाई करने की बात भी कही है। बता दें कि इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने आठ सितंबर को संसदीय सचिवों के रूप में 21 विधायकों की नियुक्ति को खारिज कर दिया था। 23 सितंबर को मामले की सुनवाई में विधायकों ने उनकी नियुक्ति रद्द करने वाले कोर्ट के फ़ैसले को स्टडी करने के लिए समय मांगा था। आप विधायकों को सात अक्टूबर को जवाब दाखिल करना था लेकिन एक बार फिर विधायकों ने समय की मांग की थी।
आप विधायकों पर क्या है आरोप?
आम आदमी पार्टी के ये 27 विधायक लाभ के पद के मामले में फंसे हैं। इन आरोपियों को अलग-अलग अस्पतालों में रोगी कल्याण समिति का चेयरमेन बनाया गया था। इससे पहले भी पार्टी के 21 विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के बाद लाभ के पद का इस्तेमाल करने का मामला चल रहा है और अब ये नया मामला सामने आ गया है।
… तो छिन सकती है आप विधायकों की सदस्यता
यदि चुनाव आयोग को अपनी जांच के दौरान यह पता चलता है कि आप के 21 विधायकों को संसदीय सचिव रहते हुए सुविधाएं मिली थी तो वो पद लाभ के पद के दायरे में आएगा और ऐसे में केजरीवाल सरकार के 21 विधायकों की सदस्यता भी छीनी जा सकती है। बता दें कि चुनाव आयोग ने साफ़ कर दिया है कि आप विधायकों के पास ये आखिरी मौक़ा है तो उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही चुनाव आयोग 21 संसदीय सचिवों के मामले पर अपना फैसला सुना सकता है।
कानून के छात्र ने की थी शिकायत
विभोर आनंद नाम के कानून के छात्र की तरफ से दायर की गई शिकायत में कहा गया था कि अपने इलाके के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में 27 विधायक रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष बनाए गए। जबकि केंद्र सरकार की 2015 की गाइडलाइंस के हिसाब से सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री, क्षेत्रीय सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष या फिर जिलाधिकारी ही रोगी कल्याण समिति का अध्यक्ष बन सकते हैं।
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