अभिषेक व तनु को मिला पालनहार योजना से पढ़ने का हौसला
नवीं कक्षा में पढ़ने वाली तनु और 11वीं कक्षा में पढ़ने वाले अभिषेक भाई बहन हैं। करौली जिला मुख्यालय पर पुरानी कलेक्ट्री चौराहा निवासी ये दोनों बच्चे परिवार की विकट र्आथिक स्थिति के बावजूद अच्छे स्कूल में पढ़ते हुए अपनी पढ़ाई जारी रखे हुए हैं और ऎसा संभव हो सका है पालनहार योजना के तहत सरकार द्वारा दी जाने वाली मदद की वजह से। छः साल पहले पिता गोविन्द प्रसाद सैन की रेल र्दुघटना में मृत्यु के बाद की मां श्रीमती मीना देवी पर परिवार के भरण- पोषण की सारी जिम्मेदारी आ गई।
ऎसे में पढ़ाई लिखाई के लिए पैसों का इंतजाम कर पाना उनके लिए मुमकिन नहीं था। मीना देवी ने कहा कि पालनहार योजना के तहत प्रत्येक बच्चे को प्रतिमाह मिलने वाले एक हजार रुपये के कारण आज उनके दोनों बच्चे निजी स्कूल में पढ़ रहे हैं। अब उनके भविष्य के लिए उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित पालनहार योजना अभिषेक और तनु जैसे जरूरतमंद बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है। आज इस योजना द्वारा 1.90 लाख बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है।
राज्य सरकार ने र्वष 2016-17 के र्वाषिक बजट में गरीब, बेसहारा और जरूरतमंद बच्चों के लिए पालनहार योजना मद में 171 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया है। योजना में पारर्दशिता बनाए रखने के लिए इसे पूरी तरह ऑनलाइन एवं पेपरलैस रखा गया है। करौली जिले के ही तीन बच्चे राधा, मोनू और ऊषा के लिए भी सरकार द्वारा चलाई जा रही पालनहार योजना वरदान साबित हुई है। इस योजना की वजह से ये तीनों बच्चे न केवल अपनी पढ़ने की इच्छा पूरी कर पा रहे हैं, बल्कि मान-सम्मान के साथ इनका भरण-पोषण भी संभव हुआ है।
करौली जिला मुख्यालय पर पुरानी ट्रक यूनियन पर निवास करने वाले इन बच्चों के पिता की 11 साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा क्यों कि वे ही परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनकी मां मीरा देवी का कहना है कि विधवा पेंशन के साथ पालनहार योजना के तहत मिलने वाली सहायता से ही वे अपने परिवार को बेहतर तरीके से संभाल पा रही हैं। करौली जिले में पालनहार योजना में 2800 बच्चों का पंजियन है और इनका भौतिक सत्यापन कर 2200 बच्चों को पालनहार योजना के तहत ऑनलाइन बैंक खाते में सहायता राशि का नियमित भुगतान किया जा रहा है।