आरबीआई में ऐसे-ऐसे काम हुए है राजन के कार्यकाल में
आज से तीन साल पहले 4 सितंबर यानी कि आज ही के दिन रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम रान ने गवर्नर का पद संभाला था, और अब आज ही के दिन वे रिजर्व बैंक के गवर्नर पद से आधिकारिक तौर पर पद को छोड़ रहे हैं। हालांकि 18 जून 2016 को राजन ने साफ़ कर दिया कि वे अपना कार्यकाल आगे जारी नहीं रखने वाले हैं, और वे वापस अपने शैक्षणिक कार्य की ओर लौट रहे है। लेकिन क्या आप जानते है कि उनके कार्यकाल में आरबीआई ने कितने महत्वपूर्ण कामों को अंजाम दिया । चलिए हम आपको बताते है कि राजन के कार्यकाल सें हमें कितना फायदा हुआ है।
स्वैप विंडो की शुरुआत
रघुराम राजन ने पद संभालते ही दूसरे दिन यानी कि 5 सितंबर 2013 को एक स्पेशल स्वैप विंडो की शुरुआत की थी। देश में ज्यादा से ज्यादा डॉलर लाकर रुपए को सहारा दिया जा सके इसी उद्देश्य के साथ ये प्रयास किया गया था। बता दें कि राजन की इस कोशिश का असर अगस्त 2015 में देखने को मिला था। इस समय डॉलर के मुकाबले रुपया 68.35 के स्तर पर पहुंच चुका था। देश को कुल 3400 करोड़ डॉलर का मुनाफा हुआ था। इसी दिन राजन ने उर्जित पटेल की अध्यक्षता में एक कमेटी की घोषणा भी की थी। इस कमेटी का काम मॉनेटरी पॉलिटी फ्रेमवर्क की समीक्षा करना था, जिससे ब्याज दरों पर फैसला लेने में आरबीआई की मदद मिल सके।
महंगाई पर काबू करने के लिए राजन ने ये नीति अपनाई थी
8 सितंबर 2013 को राजन ने मनी मार्केट के लिए रेपो ऑपरेशन की व्याख्या की। इस रेपो ऑपरेशन के ज़रिए डीलर्स बहुत छोटी अवधि के लिए सरकार की सिक्योरिटी को बेचकर पैसा उगाह सकते हैं और उसी दिन या फिर अगले ही दिन वापस भी ले सकते हैं। इस तरह से राजन ने तत्काल की नकदी को खत्म किया जा सकता है। 29 अक्टूबर 2013 को राजन ने मुख्य नीतिगत दरों में बढ़ोत्तरी शुरू कर दी ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके।
ये काम भी हुए राजन के कार्यकाल में
– 2 अप्रैल 2014 को राजन को आईडीएफसी और बंधन फाइनेंनशियल के लिए बैंक खोलने की सैद्धांतिक तौर पर मंजूरी दे दी।
– 15 जुलाई 2014 को आरबीआई ने 5/25 नियम की घोषणा की। इसके जरिए बैंक इंफ्रास्ट्रचर कंपनियों को दिए जाने लोन का समय बढ़ा सकते थे। यह प्रयास इंफ्रास्ट्रक्चर में अटके बड़े प्रोजेक्टस को रफ्तार देने के लिए एक अहम कदम था।
-इसके बाद 27 नवंबर 2014 को आरबीआई ने पेमेंट बैंक और स्मॉल फाइनेंस बैंक खोलने के लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी।
-19 अक्टूबर 2015 को आरबीआई ने पहली बार 40 साल की अवधि वाले बॉण्ड जारी किए। वहीं नवंबर और दिसम्बर 2015 के दौरान आरबीआई ने बैंकिंग सेक्टर की एसेट क्वालिटी की समीक्षा पर काम करना भी शुरू कर दिया।
-12 मई 2016 को आरबीआई ने बड़े लेनदारों की ऊपरी सीमा तय करने के लिए एक डिस्कशन पेपर जारी किया था।
उसी दिन या फिर अगले ही दिन वापस भी ले सकते हैं। इस तरह से राजन ने तत्काल की नकदी को खत्म किया था। 29 अक्टूबर 2013 को राजन ने मुख्य नीतिगत दरों में बढ़ोत्तरी शुरू कर दी ताकि महंगाई पर काबू पाया जा सके।
-25 अगस्त 2016 को आरबीआई ने यूनिवर्सल पेमेंट इंटरफेस लॉन्च किया । जिसकी मदद से आप अपने स्मार्टफोन से किसी भी व्यक्ति को उसके ई-मेल और आधार नंबर के माध्यम से पैसे भेज सकते है।
-और वहीं 31 अगस्त 2016 को आरबीआई की ओर से एक नोटिफिकेशन जारी किया गया । इस नोटिफिकेशन में यह निर्देश दिया गया कि साल में एक बार किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार होगा कि वह उसकी क्रेडिट हिस्ट्री और क्रेडिट स्कोर की जानकारी निशुल्क जान सके।