एक शिक्षित समाज ही एक बेहतरीन देश का निर्माण करता है। देश की प्रगति के लिए देश में रह रहे लोगों का शिक्षित होना बहुत जरूरी है। सरकार इसी को ध्यान में रखते हुए कई सारी योजनाएं भी लॉन्च कर रही है। साल 2013 में सरकार द्वारा राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान यानि रूसा चलाया गया था जो आज भी चल रहा है।
राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रुसा) के पोर्टल और मोबाइल ऐप तथा डिजिटल रूप से उसकी 17 परियोजनाओं की कल शुरूआत की जाएगी। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर यहां एक कार्यक्रम में इनकी शुरूआत करेंगे। इस अवसर पर वह केन्द्र प्रायोजित योजनाओं के लिए ‘फंड एंड रिफॉर्म ट्रैकर’ लांच करेंगे।
रूसा का मोबाइल एप स्टूडेंट्स और एजुकेशन से जुड़े लोगों के लिए काफी काम का साबित होगा। इस मोबाइल ऐप से रुसा के तहत सभी परियोजनाओं के बारे में किसी भी समय जानकारी हासिल की जा सकेगी। कार्यक्रम के दौरान 12 राज्यों के शिक्षा मंत्री, सचिव और रुसा के नोडल अधिकारी मौजूद रहेंगे। इस कार्यक्रम को डिजिटल प्रसारण से जरिये देखा जा सकेगा।
क्या है रूसा
रूसा एक केन्द्रीय प्रायोजित योजना है जो पात्र राज्य उच्चतर शैक्षिक संस्थाओं को वित्तपोषित करने के उद्देश्य से वर्ष 2013 में प्रारंभ किया गया था। केन्द्रीय वित्त पोषण (सामान्य वर्ग के राज्यों के लिए 65ः35 के अनुपात में और विशेष वर्ग के राज्यों के लिए 90ः10 के अनुपात में) मापदंड आधारित और आउटकम अधीन होगा। चिन्हित संस्थानों में पहुंचने से पहले निधियन केन्द्रीय मंत्रालय से राज्य सरकारों/संघ शासित प्रदेशों के माध्यम से राज्य उच्चतर शिक्षा परिषदों को जाता है। राज्य उच्चतर शिक्षा योजनाओं के समालोचनात्मक मूल्यांकन के आधार पर राज्यों को निधियन दिया जाता है जो उच्चतर शिक्षा में समानता, पहुंच और उत्कृष्टता के मामलों को सुलझाने के लिए राज्य की कार्य योजना की व्याख्या करता है।
रूसा के उद्देश्य
1. निर्धारित मापदंडों को सुनिश्चित करते हुए राज्य संस्थाओं की समग्र गुणवत्ता में सुधार करना और प्रत्यायन को अनिवार्य गुणवत्ता आश्वासन कार्यढांचे के रूप में अंगीकार करना।
2. राज्य स्तर पर योजना और मॉनीटरिंग के लिए सांस्थानिक ढांचे का निर्माण करके, राज्य विश्वविद्यालयों में स्वायत्ता प्रोत्साहित करके और संस्थाओं के अभिशासन में सुधार करके राज्य उच्चतर शिक्षा प्रणाली में परिवर्तनकारी सुधार करना।
3. संबंधन, शैक्षिक और परीक्षा प्रणाली में सुधारों को सुनिश्चित करना।
4. सभी उच्चतर शैक्षिक संस्थाओं में गुणत्तायुक्त संकाय की पर्याप्त उपलब्धता को सुनिश्चित करना और रोजगार के सभी स्तरों में क्षमता निर्माण को सुनिश्चित करना।
5. उच्चतर शैक्षिक संस्थाओं को अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में समर्पित करने के लिए योग्य पर्यावरण का निर्माण करना।
6. वर्तमान संस्थाओं में अतिरिक्त क्षमता का निर्माण करके सांस्थानिक आधार को विस्तार प्रदान करना और नामांकन लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए नए संस्थानों को स्थापित करना।
7. असेवित और अल्पसेवित क्षेत्रों में संस्थाओं को स्थापित करके उच्चतर शिक्षा में पहुंच बनाने में क्षेत्रीय असंतुलनों को संतुलित करना।
8. अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति और सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों को उच्चतर शिक्षा के पर्याप्त अवसर प्रदान करके उच्चतर शिक्षा के क्षेत्र में समानता में सुधार करना; महिलाओं, अल्पसंख्यकों और निःशक्तजनों के समावेशन को प्रोत्साहित करना।