SC का बड़ा फ़ैसला, ड्यूटी पर दाढ़ी नहीं रख सकते एयरफोर्स के जवान
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जी हां, अब धर्म के नाम पर कोई भी एयरफोर्स का जवान ड्यूटी के दौरान लम्बी दाढ़ी नहीं रख पाएगा। यह कहना है सुप्रीम कोर्ट का। दरअसल, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक मुस्लिम सैनिक अंसारी आफताब अहमद की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फ़ैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि आर्म फोर्सेज रेगुलेशन सेना में अनुशासन और एकरूपता लाने के उ्द्देश्य से बनाए गए है। बता दें कि अंसारी ने धार्मिक स्वतंत्रता का हवाला देते हुए सिखों की तरह लम्बी दाढ़ी रखने के अधिकार की मांग की थी।
क्या है मामला ?
साल 2001 में अंसारी ने अपने कमांडिंग अफसर (सीओ) से दाढ़ी बढ़ाने को लेकर स्वीकृति मांगी थी। इसके लिए अंसारी ने ’धार्मिक आधार’ पर बल दिया था। शुरुआत में तो सीओ ने उन्हें इसकी इजाजत दे दी थी लेकिन बाद में उन्हें यह अहसास हुआ कि नियमों के मुताबिक सिर्फ़ सिख सैनिकों को ही दाढ़ी बढ़ाने की अनुमति है। इसके बाद सीओ ने अंसारी को दी गई अनुमति वापस ले ली। इसके बाद भी जब अंसारी ने दाढ़ी नहीं काटी तो उनका तबादला पुणे के कमांड अस्पताल में कर दिया गया।
वहां नए सीओ ने भी अंसारी से दाढ़ी काटने को कहा। लेकिन वह अपनी जिद पर अड़े रहे। सैनिक अंसारी ने इसे भेदभाव मानते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट में नियम के ख़िलाफ़ याचिका दायर की। इसके बाद अंसारी को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया। इन सबके बाद भी जब अंसारी दाढ़ी नहीं काटने की अपनी जिद पर अड़े रहे तो निर्देशों की अवहेलना करने के कारण उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करते हुए उन्हें सेवा से हटा दिया गया। अंसारी ने कर्नाटक हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट की शरण ली। उन्होंने यहां पर याचिका दायर की। जिस पर आज सुप्रीम कोर्ट ने अपना फ़ैसला दिया है।
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