Friday, September 8th, 2017 16:59:12
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14 बच्चों की मां, कैसे बनी करोड़पति पढ़िए पूरी कहानी




14 बच्चों की मां, कैसे बनी करोड़पति पढ़िए पूरी कहानीBusiness

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यह कहानी एक ऐसी लेडी की है जिसके पास करोड़ो रूपए है फिर भी वह अपने 14 बच्चों को घर पर ही पढ़ाती हैं। आप सोच रहे होंगे कि ऐसी कैसी लेडी हैं जो पैसे होने के बावजूद बच्चों को घर पर पढ़ाती हैं। आप इस लेडी के बारे में ज्यादा कुछ धारणाऐं बनाओं उससे पहले आप उनके बारे में जरूर जान ले-

वर्जीनिया की रहने वाली तम्मी का 17 लाख डॉलर का नेचरल कॉस्मेटिक का कारोबार है। इसे उन्होंने बिना किसी बैंक लोन और निवेशक की मदद लिए खड़ा किया है। उम्बेल अपने पति और 14 बच्चों के साथ रहती हैं। उम्बेल के पति पाकिस्तानी डॉक्टर है और उनके घर में टेलिविज़न सेट तक नहीं है।

14 बच्चों को खुद से घर पर पढ़ाया
उम्बेल अपने बिजनेस का विस्तार और बच्चों को पढ़ाने का काम एक साथ करती हैं, बिजनेस के सिलसिले में उन्हें कई देशों की यात्रा भी करनी पड़ती हैं। अलग-अलग जगहों की प्राकृतिक चीजों को समझना और फिर उनसे अपने उत्पाद तैयार करने के लिए उन्हें घूमना-फिरना पड़ता है। अपने इन दौरों में वे कई बार अपने बच्चों को भी साथ ले जाती हैं। उम्बेल का मानना है कि अलग-अलग जगहों का अनुभव भी बच्चों की शिक्षा का एक हिस्सा है।

नेचुरल बॉडी प्रोडक्ट का बिजनेस शुरू किया
उम्बेल कहती हैं, मैं अपने बिजनेस को पुराने स्टाइल से ही चलाना चाहती थी, जिसमें पैसे कमाओ फिर उसे दोबारा निवेश करने के लिए लगाओ वाली नीति अपनाई जाती है। मैंने आज तक पैसा उधार लेकर बिजनेस को आगे बढ़ाने और करने की नहीं सोची।

उम्बेल ने सबसे पहले अपने बिजनेस की शुरूआत कपड़ों की कंपनी से शुरू की, लेकिन ज्यादा सफलता नहीं मिली। उन्होंने उसे बंद कर तुरंत दूसरे प्रोजेक्ट के बारे में सोचना शुरू कर दिया। इसके बाद शिआ टेरा ऑर्गेनिक कंपनी की शुरूआत की। यह एक तरह से नेचुरल बॉडी प्रोडक्ट की कंपनी है जो आदिवासी समूहों और मिस्त्र, मोरक्को, नामिबिया या तंजानिया जैसे देशों के छोटे समूहों से कच्चा माल मंगवाती है। यह कंपनी 17 साल पहले शुरू हुई और इसने पश्चिमी देशों को ऐसी चीजों से रूबरू करवाया जिनके बारे में वहां के निवासी जानते भी नहीं थे कि ऐसा भी कुछ हो सकता है।

उन जगह पर बिजनेस शुरू किया जहां रोजगार पैदा किया जा सके
उम्बेल ने अपने बिजनेस को विस्तार देने के लिए उन गांवों का दौरा करना शुरू किया जहां त्वचा के इलाज के लिए अभी भी देसी सामग्री का इस्तेमाल किया जाता हैं। उम्बेल बताती है कि, ‘‘मैंने उन जगहों पर रोजगार पैदा करने की कोशिश की जहां जीवन बहुत मुश्किल था, मैं जानती थी कि इन जगहों पर ऐसी कई चीजें है जो प्रकृति के बेहद करीब हैं, लेकिन बाज़ार की पहुंच से दूर हैं।’’

आज की तारीख में उम्बेल की कंपनी अमेरिका के वर्जीनिया में स्थिति है और ऑनलाइन माध्यम के जरिए उत्पाद बेच रही है। इसके देश भर में करीब 700 स्टोर हैं।

नकली प्रोडक्ट बने सबसे बड़ी चुनौती
पिछले कुछ सालों से उम्बेल को एक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और वह है नकली उत्पादन। बाजार में नेचरल प्रोडक्ट्स के नाम पर कई नकली उत्पाद बिकने लगे है जिसके वजह से असली प्रोडक्ट की पहचान करना मुश्किल हो गया है। आज इतने बड़े स्तर पर लगातार खुद को आगे रखना बहुत मुश्किल होता है। लेकिन इस प्रतिस्पर्धा के चक्कर में उत्पाद की क्वालिटी के साथ समझौता नहीं कर सकती हूं।

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