आतंकवाद के साथ ही जवानों पर मौसम की मार, अब तक 14 की मौत
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जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में हुए हिमस्खलन में लापता चार और जवानों के शव बरामद कर लिया गया है। जिससे शहीद होने वाले जवानों की संख्या 10 से बढ़कर 14 हो गई। इससे पहले गुरुवार को सेना ने अधिकारिक बयान में कहा था कि दो हिमस्खलन की चपेट में आने से 10 सैनिक शहीद हुए हैं। गौरतलब है कि बांदीपुरा जिले में नियंत्रण रेखा से सटे गुरेज सेक्टर में हुए हिमस्खलन ने कई सैनिकों को अपनी चपेट में ले लिया था।
कश्मीर के गांदरबल जिले में सोनमर्ग के पास बुधवार को सेना की 115 यूनिट का एक शिविर हिमस्खलन की चपेट में आने की वजह से तबाह हो गया था। जिसमें कई सैनिक फंस गए थे। जिन्हें बचाने के लिए सेना ने अभियान शुरु किया और एक जूनियर कमीशन प्राप्त अधिकारी समेत सात सैनिक बचा लिए गए थे। गुरुवार को तीन सैनिको के शव निकाले गए। बता दे कि इससे पहले आये हिमस्खलन में एलओसी के साथ सटे गुरेज सेक्टर (बींडीपोर) के एक परिवार के चार सदस्यों की बर्फ में दब कर मौत हो गई थी।
सोनमर्ग के आसपास चार से पांच गांव हैं और यह सभी गांव इस मौसम में खाली हो जाता है और लोगों को मैदानी गांव में शिफ्ट कर दिया जाता हैं। यहां केवल आर्मी के जवान ही इस इलाके में तैनात रहते है। जम्मू-कश्मीर मौसम विभाग ने हाल ही में भारी बर्फबारी की वजह से हिमस्खलन को लेकर वॉर्निग जारी की थी।
बीते कुछ सालों में जम्मू-कश्मीर के कई इलाकों में हिमस्खलन से कई नागरिकों समेत कई सैनिकों की मौत हो चुकी है। जानकारों का कहना है कि हिमस्खलन का खतरा तब और बढ़ जाता है जब ऐसी जगहों पर मकान या शिविर बनाए जाते है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2007 से अब तक घाटी में कुल 242 जवान अपनी जान गंवा चुके है। इनमें से 62 जवान प्राकृतिक आपदाओं का शिकार हुए है।
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