इस टीनेजर के बनाए एप के दिवाने हुए एप्पल और फेसबुक
दिल्ली। इस भागती दौड़ती जिंदगी में नींद न आने की प्रॉब्लम बड़ी तेजी से लोगो को अपनी चपेट में ले रही है। लोगो को इस खतरनाक प्रॉब्लम से निजात दिलाने के लिए एक डीपीएसजी के स्टूडेंट अनुष्क मित्तल(17) ने स्लीपआइल एप डेवलप किया है। यह एप फेसबुक और एप्पल जैसी टेक्नोलॉजी की जानी मानी बड़ी कंपनियों को भी बेहद ही पसंद आया है। एप्पल कंपनी ने 12वीं में पढ़ रहे अनुष्क को एक कॉन्फ्रेंस के लिए इनवाइट भी किया है। जबकि वहीं फेसबुक ने उन्हें स्टार्टअप के लिए 30 हजार डॉलर का ऑफर दिया है। टेक्नोलॉजी की इन दो बड़ी कंपनियों एप्पल और फेसबुक ने अनुष्क को इस बात की जानकारी मेल के जरिए दी है।
समर में सोचा था इस एप के बारे में
अनुष्क ने बताया कि उन्होंने पिछले साल समर ब्रेक में इस एप के बारे में सोचा था। एप्पल ने 28 सितंबर 2015 को इस एप को अपने एप स्टोर पर लॉन्च किया। हर साल होने वाली वर्ल्ड वाइड डेवलपर्स कॉन्फ्रेंस के लिए एप सिलेक्ट किए गए एप्लिकेशन को इनवाइट करता है। इस साल अनुष्क के एप को भी यहां इनवाइट किया गया है। यह कॉन्फ्रेंस 13 से 17 जून तक सैन फा्रंसिस्को में होगी। इसके लिए एप्पल ने अनुष्क को 1600 डॉलर की कॉन्फ्रेंस टिकट और एयर टिकट भेजे है।
ऐसे आएगी एप के जरिए नींद
एप को पहले एप्पल वॉच के लिए बनाया गया था उसके बाद इसे आईफोन के लिए भी डिजाइन किया गया। अनुष्क ने बताया कि स्लीपआइल एक स्लीप ट्रैकिंग एप है। एप स्टार्ट होने पर ड्रीमी मेलोडी म्यूजिक प्ले करता है। यह लोगों को वाइब्रेशन के जरिए जगाता है। इसमें आर्टिफिशल इंटेलिजेंस बोट को प्रोग्राम किया गया है। यह एप यूजर्स के हार्टबीट और कैलोरी बर्न को भी कैलकुलेट करता है।
पड़ती थी पापा-मम्मी से डांट
अनुष्क ने जून 2015 में अमेरिकन कॉलेज टेस्टिंग एग्जाम दिया था। जिसमें अच्छा स्कोर करने पर उन्होंने जॉर्जिया टेक यूनिवर्सिटी में अप्लाई कर दिया। अनुष्क का कहना है कि वे बहुत ज्यादा सोते हैं, उन्हें रोजाना 10 घंटे से ज्यादा सोने के लिए उनके मम्मी और पापा से भी उन्हें खूब डांट पड़ती थी। इस दौरान उनकी नजर एक रिपोर्ट पर गई, जिसके अनुसार अमेरिका में 80 फीसदी लोग स्लीपिंग डिजीज से पीड़ित हैं। तब से उन्होंने इस प्रॉब्लम का हल ढूंढने की ठान ली और यह एप बना डाला।
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