जानें रोजमर्रा की इन आदतों के बारे में क्या कहता है हमारा मेडिकल साइंस
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हम अपने रोजमर्रा में कई ऐसी आदतें अपना लेते हैं, जिन्हें हम गंभीरता से नहीं लेते। 90 प्रतिशत लोगों में ये आदतें रैगुलरली देखी जाती हैं, पर इन बुरी आदतों को नजरअंदाज करते हुए वे दिन में न जाने कितनी बार वहीं आदत को दोहराते हैं। जैसे कुछ लोग दांतों से नाखून चबाते हैं, या कुछ ऐसे हैं, जो बार-बार अपनी अंगुलियां चटकाते हैं। ये और ऐसी ही कुछ आदतों के क्या नुकसान हैं, ये आप और हम नहीं जानते। लेकिन साइंस की नजर में हमारी ये आदतें आगे चलकर हमारे शरीर के लिए काफी नुकसानदायक होती हैं।
स्मार्टफोन साथ लेकर सोना-
सेंटर फॉर स्लीप मेडिसन के असिस्टेंट प्रोफेसर डायने आगली कहते हैं कि स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली और हरी रोशनी और वेव्स नींद उड़ा देती हैं और सोने नहीं देती। शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का इफैक्ट कम होने लगता है। इस हार्मोन से हम सबको नींद आती है। नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस के अनुसार मेलाटोनिन हार्मोन का असर कम होने से ब्रेस्ट, कोलोरेक्टल और प्रोस्टेंट कैंसर का खतरा होने की संभावना 80 प्रतिशत तक बढ़ जाती है।
अंगुलियां चटकाना-
अमेरिकन अकेडमी ऑफ ऑर्थोपेडिक सर्जन्स की मानें तो लगातार अंगुलियों की हड्डियां चटकाने की आदत से जोड़ कमजोर हो जाते हैं। ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ.नरेन्द्र धाकड़ का कहना है कि अंगुलियां चटकाने से अंगुलियों की सामान्य क्रिया और कामकाज पर इफैक्ट पड़ सकता है। इतना ही नहीं अगर लगातार ये आदत बनी रही तो आगे चलकर गाठिया हो सकता है। देखा जाए, तो कुछ लोगों में ये आदत चिंता की निशानी होती है।
क्रॉस लैग बैठने से बढ़ सकता है बीपी-
आप शायद ये बात सुनकर यकीन न कर रहे हों, लेकिन ये सच है। जी हां, जिन लोगों को हरदम क्रॉस लैग करके बैठने की आदत है, उनका बीपी बढ़ सकता है। बिड़ला हार्ट रिसर्च सेंटर की कंसलटेेंट कॉडिर्योलॉजिस्ट डॉ.अंजना सिओतिया कहती हैं कि जब हम पैर पर पैर रखकर बैठते हैं, अस्थाई रूप से कुछ देर के लिए बीपी बढ़ जाता है। लेकिन जरूरी ये है कि आप कैसे और कितनी देर इस पोजीशन में बैठे हैं। हर तीस मिनट में एक बार उठना ही चाहिए, नहीं तो कोई बीमारी हो सकती है।
बार-बार नाखून कुतरने से बदल जाता है नाखून का शेप-
कई लोगों को फ्री टाइम में नाखून कुतरने की आदत होती है। लेकिन वे इस आदत से होने वाले नुकसान से बेखबर होते हैं। डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ.प्रदीप सक्सेना बताते हैं कि लोगों की ये आदात परमानेंट ही नाखून का शेप बदल देती है। नाखून छोटे और चौड़े होने लगते हैं। नाखूनों के बढऩे की स्पीड भी कम हो जाती है। उनका शेप, कोमलता बबार्द हो जाती है। कइोर नाखून आने लगते हैं, रंग खराब हो जाता है।बाहर के बैक्टीरिया शरीर में जाकर बीमार करते हैं।
ब्रेकफास्ट स्किप करने से कमजोर हो सकता है कंसन्ट्रेशन-
न्यूट्रिशनिस्ट डॉ.ज्योत्सना लाल कहती हैं कि सुबह के समय थोड़ा सा नाश्ता मेटाबॉलिज्म के लिए जरूरी है, जो दिन की अच्छी शुरूआत के लिए एनर्जी देता है। सुबह का नाश्ता स्किप कर देने के बाद जब लंच का टाइम आता है, तो व्यक्ति ज्यादा खा लेता है। उनकी ये आदत कंसन्ट्रेशन और मेमारी बिगाड़ देती है। लगातार ऐसा करने से पाचन क्रिया परमानेंट स्लो हो जाती है। वजन बढऩे के साथ डायबिटीज का खतरा भी पैदा हो सकता है।
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