गर्भवती महिलाओं के लिए मोदी सरकार ने दिए ये सुझाव, विशेषज्ञों ने बताया इन्हें बेतुका
मोदी सरकार हर दिन किसी न किसी कारनामे को लेकर चर्चा में रहती है। लेकिन इस बार की वजह आपको हैरत में डाल सकती है। दरअसल, मंत्रालय के आयुष प्रीस्किप्शन ने ये नसीहत दी है कि अगर गर्भवती महिलाओं को अब स्वस्थ बच्चे की दरकार है तो उन्हें गर्भवती होने के दौरान सेक्स करने और मीट खाने से बचना होगा और साथ ही गंदे विचारों को भी निकालना होगा। जी हां, दरअसल, मोदी सरकार के आयुष मंत्रालय ने गर्भवती महिलाओं को कुछ सुझाव दिए हैं।
सरकारी साइट पर गर्भवती महिलाओं के लिए टिप्स-
एचटी की रिपोर्ट के अनुसार सरकार द्वारा सहायता प्राप्त संस्थान कांउसिल फॉर रिसर्च इन योगा एंड न्यूरोपैथी की एक बुकलेट मदर एंड चाइल्ड केयर में गर्भवती महिलाओं को ये सुझाव दिए गए हैं। बता दें कि भारत में हर साल 26 मिलियन बच्चे पैदा होते हैं। इस बुकलेट को मंत्रालय के राज्यमंत्री श्रीपद नाइक ने जारी किया था। मंत्रालय के अनुसार गर्भावस्था में महिला को अपने कमरें में सुंदर बच्चे की तस्वीर लगानी चाहिए। महिलाओ को इस दौरान मांस नहीं खाना चाहिए। उन्हें सेक्स और बुरी संगत जैसे शराब आदि से दूरी बनानी चाहिए।
विशेषज्ञों ने इन सुझावों को बताया बेतुका-
एचटी के अनुसार सरकार का ये सुझाव मुफ्त है क्योंकि कुछ दिन पहले जामनगर के गर्भविज्ञान अनुसंधान केंद्र ने कपल्स से पैसे लेकर ये सुझाव दिया था, जिसे लेकर काफी हंगामा भी हुआ था। अपोलो हेल्थकेयर ग्रुप के जीवनमाला हॉस्पिटल एंड नोवा स्पेशलिटी हॉस्पीटल के सीनियर गायनाकोलॉजिस्ट डॉ.मालविका सभरवाल ने कहा है कि सरकार के ये सुझाव पूरी तरह बेतुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रोटीन की कमी कुपोषण और एनीमिया गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है और मीट में प्रोटीन और आयरन दोनों ही होते हैं। उन्होंने कहा अगर बात सेक्स की करें तो यदि गर्भावस्था नॉर्मल है तो संयम की कोई जरूरत ही नहीं है।
वहीं फोर्टिस हॉस्पीटल की प्रसूति एवं स्त्री रोग की निदेशक डॉ.सुनीता मित्तल ने बताया कि पहली तिमाही में जब प्लेसेंटा कम होता है तो सावधानी बरतने की सलाह दी जाती हैसाथ ही मुश्किल अवस्था में , जहां गर्भपात का खतरा हो, वहां भी। हालांकि इस दौरान महिलाएं अगर स्ट्रेस लें या डिप्रेशन की शिकार हो जाएं, तो जाहिर तौर पर बच्चे के विकास पर अंतर पड़ता है।
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