इन तीन राज्यों ने ही निगल लिया देश का आधे से ज्यादा निवेश
एसोचैम (ASSOCHAM) द्वारा कराये गये ‘इंफ्रास्ट्रक्चर एवं रियल एस्टेट निवेश : राज्य स्तरीय विश्लेषण’ विषयक अध्ययन के अनुसार दिसम्बर 2016 तक देश में 14.5 लाख करोड़ रु. की 3489 रियल एस्टेट परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें हुए कुल निवेश में महाराष्ट्र की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत है। उसके बाद उत्तर प्रदेश और गुजरात 13-13%, कर्नाटक 10%, तथा हरियाणा 9% का भागीदार है। इस प्रकार अगर देखा जाए तो इस सेक्टर का देश भर के निवेश का आधे से ज्यादा तो यूपी, महाराष्ट्र और गुजरात ने मिलकर ही निगल लिया है.
90 प्रतिशत निवेश देश के शीर्ष 10 राज्यों में ही हुआ
देश के रियल एस्टेट तथा इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश के मामले में उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात ने अन्य राज्यों को सालों के लिए पछाड़ दिया है। उद्योग मण्डल, एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक रियलिटी और कंस्ट्रक्शन क्षेत्र में इन तीनों राज्यों की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत से उपर है। एसोचैम के आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो द्वारा तैयार की गयी रिपोर्ट के अनुसार रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में हुआ करीब 90 प्रतिशत निवेश देश के शीर्ष 10 राज्यों में ही हुआ है। वर्ष 2010 से 2015 तक काफी उतार-चढ़ाव के बाद वर्ष 2016 में रियल एस्टेट तथा इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में हुए निवेश में ढाई प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई।
एकल खिड़की प्रणाली की शुरआत करनी चाहिये
एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी.एस.रावत ने लखनऊ में यह बताया कि जहां तक रियल एस्टेट क्षेत्र का सवाल है, वहां पर कम्पनियों को भविष्य में स्वतंत्रतापूर्वक काम करने के लिये दीर्घकालिक वित्तीय संसाधनों की तलाश पर ध्यान देना होगा। रियलटी तथा इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में और तेजी लाने के लिये उन्होंने कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारों को जल्द से जल्द एकल खिड़की प्रणाली की शुरआत करनी चाहिये, ताकि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में विलम्ब के कारण कारोबार पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव को टाला जा सके।
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