डॉक्टर बनने जाना है विदेश, तो देना होगा नीट
अगर आप स्टूडेंट हैं और मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाने की सोच रहे हैं, तो अब आपको इसके लिए नीट से गुजरना होगा। जी हां, मेडिकल में दाखिला लेने वाले उम्मीदवारों को अब विदेश में पढ़ाई करने के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा से गुजरना होगा। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार इस बारे में प्रस्ताव भेजा जा चुका है , अगले साल तक इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है।
अधिकारी ने बताया कि जो विदेश में एमबीबीएस करना चाहते हैं, उन्हें एनओसी तभी दी जाएगी जब वे नीट क्लीयर कर लेंगे। इस प्रस्ताव का मकसद ऐसे लोगों को मेडिकल में प्रवेश दिलाने से रोकना है जो अपने टैलेंट के आधार पर नहीं बल्कि पैसे और कनेक्शन के आधार पर विदेश के कॉलेजों में एडमिशन ले लेते हैं। ऐसे में अयोग्य छात्र भी मेडिकल की डिग्री हासिल कर लेते हैं। वापस भारत आने पर इन स्टूडेंट्स को प्रैक्टिस करने के लिए एमसीआई का स्क्रीनिंग टेस्ट पास करना होता है, इसमें ज्यादातर छात्र नाकाम हो जाते हैं। ये उम्मीदावार वो उम्मीदवार होते हैं जो भारत में आयोजित मेडिकल परीक्षाओं में फेल हो जाते हैं। ऐसे में टैलेंटिड स्टूडेंट्स का एडमिशन इन कॉलेजों में नहीं हो पाता। इस परीक्षा के चलते अब केवल टैलेंट ही विदेशों तक पहुंचेगा।
आपको बता दें कि विदेशों में मेडिकल में एडमिशन लेने के लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं होती है। यही वजह है कि जो उम्मीदवार भारत में मेडिकल एन्ट्रेंस में सफल नहीं हो पाते वे विदेशों की ओर रूख करते हैं। एनईईटी 2017 के लिए 11.5 लाख छात्र रजिस्टर्ड हैं। पिछले साल एनईईटी दो चरणों में आयोजित किया गया था और कुल उम्मीदवारों की संख्या 715 लाख रही।
चाइना है बेस्ट –
आपको बता दें कि मेडिकल में एडमिशन लेने के लिहाज से इंडियन स्टूडेंट्स चाइना जाना ज्यादा पसंद करते हैं। वहीं रूस, यूके्न, नेपाल भी स्टूडेंट्स की टॉप चॉइस में शामिल हैं।
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