तंगी से परेशान ओलिपिंक मेडलिस्ट ने उठाया बड़ा कदम, बेच दिए सारे मेडल
मेडल जीतना किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है। जिसे पाने के लिए वह हर संभव कोशिश करता है। अब यहां पर सोचने वाली बात यह है कि क्या कोई खिलाड़ी अपने सपने को बेच सकता है? नहीं न। लेकिन वो कहते हैं न कि मजबूरी इंसान से कुछ भी करवा सकती है। सोवियत संघ की ओलिपिंक मेडलिस्ट ओल्गा कोरबुट के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। 1972 में म्यूलिख ओलिंपिक्स में जिम्नास्टिक्स पदक रह चुकी ओल्गा काफ़ी समय से तंगी का सामना कर रही थी। उनकी हालत इतनी ख़राब हो चुकी थी कि उनके पास खाने तक के पैसे नहीं थे। जिसके बाद उन्होंने अपने मेडल्स बेचने का फ़ैसला लिया। उनके कुल 32 मेडल नीलामी में बेचे गए।
इन मेडल्स में 1972 का बीबीसी स्पोर्ट्स पर्सनेलिटी ऑफ़ द ईयर का अवॉर्ड भी शामिल था। ओल्गा के मेडल 2.22 करोड़ रुपए में बिके हैं। हेरिटेज ऑक्शन हाउस के प्रवक्ता क्रिस आईवी ने बताया कि सबसे महंगा उनका टीम गोल्ड मेडल बिका। इसे 66 हजार अमेरिकी डॉलर में खरीदा गया। यह नीलामी 25 फरवरी को अमेरिका में हुई है। रॉयटर्स की ख़बर के मुताबिक मेडल्स ने कोरबुट को भूख से बचाने में उनकी मदद की।
ख़तरनाक ट्रिक अपनाकर जीता था मेडल
बता दें कि 17 साल की उम्र में ओल्गा ने म्यूनिख ओलंपिक के ज़रिए पूरी दुनिया में अपनी छाप छोड़ी थी। उन्होंने अपनी टीम को बैलेंस बीम और फ्लोर एक्सरसाइज में गोल्ड दिलाया था। साथ ही अनइवन बार्स कंपीटिशन में उन्होंने सिल्वर जीता था। चार साल बाद ओल्गा ने मॉन्ट्रियल ओलंपिक में एक गोल्ड और एक सिल्वर जीता था।
उन्होंने कोरबुट फ्लिप की शानदार ट्रिक अपनाकर मेडल जीता था। हालांकि अब इस ट्रिक को प्रतिबंधित कर दिया गया है क्योंकि यह काफ़ी खतरनाक है।
1991 में अमेरिका में शिफ्ट हुई ओल्गा
कोरबुट ने 1978 में सोवियत संघ के मशहूर फॉक सिंगर लियोनिड बोर्टकेविच से शादी की थी। 1991 में सोवियत संघ के पतन के साथ ही ये दोनों अमेरिका आ गए थे। ओल्गा का एक बेटा भी है जिसका नाम रिचर्ड है।
यहां देखें ओल्गा कोरबुट का वीडियो
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