स्टार्ट अप के लिए निवेश जुटाने के लिए हमें क्या करना होगा? इससे जुड़ी लेख की पहली कड़ी में हमने क्राउडफंडिंग के बारे में जाना. आज जानते हैं वेंचर कैपिटल फंड के बारे में वह सबकुछ जो आप जानना चाहते हैं:
स्टार्ट अप बिजनेस शुरू करने के लिये नए विचार की तो जरूरत होती ही है साथ ही उसके लिए समुचित धन की भी आवश्यकता होती है. अगर आपके कोई बहुत अच्छा विचार है लेकिन उसे उद्यम में तब्दील करने के लिए धन नहीं है तो वह बेकार हो जाएगा। स्टार्ट अप कारोबारियों के लिए सरकारी मदद के अलावा भी कई ऐसे तरीके हैं जिनकी मदद से वे कारोबार के लिए फंड जुटा सकते हैं।
पहली कड़ी में हमने फंड जुटाने के लिए क्राउड फंडिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी थी। इस आलेख में हम वेंचर कैपिटल की बात करेंगे। हम वेंचर कैपिटल के बारे में हर उस सवाल का जवाब देंगे जो आपके मन में उठ सकता है:
वेंचर कैपिटल क्या है?
वेंचर कैपिटल वह धन है जो किसी उभरते उद्यम को मुहैया कराया जाता है। वेंचर कैपिटल फंड इन कंपनियों में निवेश के बदले में शेयर के रूप में हिस्सेदारी लेते हैं। चूंकि यह निवेश एकदम नए उद्यम में किया जाता है जिसके सफल या विफल होने के बारे में कोई अंदाजा लगाना संभव नहीं होता है। इसलिए यह माना जाता है कि जोखिम भी अधिक होगा। अधिक जोखिम होने के कारण ही वे निवेश के बदले अच्छी खासी हिस्सेदारी की मांग करते हैं।
किन स्टार्ट अप में निवेश
वेंचर कैपिटल फंड अक्सर उन स्टार्ट अप में निवेश करते हैं जो एकदम नयी तकनीक पर आधारित होते हैं या फिर जिनका बिजनेस मॉडल उच्च तकनीकी निवेश वाला होता है। इनमें से अधिकतर स्टार्ट अप आईटी से जुड़े होते हैं या फिर बायोटेक्रॉलजी आदि क्षेत्र से।
सीड फंडिंग
ये फंड स्टार्ट अप में जो शुरुआती पूंजी निवेश करते हैं उसे सीड फंडिंग का नाम दिया जाता है। आमतौर पर सीड फंडिंग किसी भी नये उद्यम में लगाई जाने वाली शुरुआती पूंजी होती है। इसी पूंजी के बल पर संबंधित उद्योग खड़ा होता है। उसके बाद आईपीओ अथवा कंपनी की ट्रेड सेल के जरिए अतिरिक्त पूंजी जुटाई जाती है। वेंचर कैपिटल को एक तरह की निजी पूंजी माना जाता है।
क्यों खास है वेंचर कैपिटल?
वेंचर कैपिटल को किसी भी अन्य तरह की फंडिंग की तुलना में बेहतर माना जाता है क्योंकि बहुत छोटी और नयी कंपनियों के लिए बाजार से पूंजी जुटाना आसान नहीं होता है। ये कंपनियां ऐसी स्थिति में भी नहीं होती हैं कि वे बैंक से या किसी अन्य जगह से ऋण हासिल कर सकें। जैसा कि हमने पहले भी कहा वेंचर कैपिटल फर्म को निवेश में जितना अधिक जोखिम लगता है वह उस नई कंपनी पर उतना ही अधिक नियंत्रण चाहती है। इसके अलावा वह कंपनी के बोर्ड और नियुक्तियों आदि में भी दखल करना चाहती है।
नये अवसर लाता वेंचर कैपिटल
वेंचर कैपिटल फर्म निजी और सरकारी क्षेत्रों के बीच एक व्यवस्था कायम करने का काम भी करता है जहां नये उद्यमों और उद्योगों का एक अलग नेटवर्क तैयार हो सकता है। यह नेटवर्क उनकी प्रगति में मददगार होता है। इसके जरिए कारोबार के स्तर पर तालमेल कायम किया जा सकता है तथा वित्त, तकनीकी विशेषज्ञता, बाजार की गतिविधियों तथा कारोबारी मॉडल आदि को लेकर कई तरह के सामंजस्य स्थापित किए जा सकते हैं।
आइए जानते हैं देश के टॉप 5 वेंचर कैपिटल फंड के बारे में:
ब्लूम वेंचर्स
मुंबई का यह वेंचर कैपिटल फंड न केवल फंड मुहैया कराता है बल्कि पसंद आने वाले स्टार्ट अप के लिए और निवेशक तथा एंजल इन्वेस्टर (एंजल इन्वेस्टर के बारे में हम अगली कड़ी में जानेंगे) भी जुटाता है। इनको ब्लूमर्स कहा जाता है। कैब एग्रोगेटर, टैक्सीफॉरश्योर और रोबोट बनाने वाली कंपनी ग्रे ऑरेंज ब्लूम बास्केट में शामिल है।
एक्सेल पार्टनर्स
फ्लिपकार्ट और माइंत्रा जैसी शॉपिंग जॉइंट वेबसाइटों तथा रियल एस्टेट पोर्टल कॉमन फ्लोर समेत कई दिग्गज कंपनियों ने मिलकर एक्सेल पाटर्नर्स नामक वेंचर कैपिटल फर्म बनाई है। बुकमाईशो जैसा शानदार स्टार्टअप इसी की मदद से शुरू हुआ।
कलारी कैपिटल
सिलिकन वैली से अरबों डॉलर की राशि के साथ भारत आए निवेशक वानी कोला ने इसकी शुरुआत की। बेंगलुरू का यह वेंचर कैपिटल फंड ईकॉमर्स का बूम आने के पहले स्नैपडील और माइंत्रा जैसी साइटों की फंडिंग कर रहा था। अर्बन लैडर और जिवामे भी कलारी द्वारा फंडेड हैं।
टाइगर ग्लोबल मैनेजमेंट
न्यूयॉर्क के इस दिग्गज फंड ने फ्लिपकार्ट, मेकमाइट्रिप और जस्ट डायल जैसी साइटों की मदद की है। वास्तव में यह देश के शुरुआती वेंचर कैपिटल फंड में से एक है जिसने टेक क्षेत्र के स्टार्ट अप की मदद की है। वर्ष 2011 के बाद से इसकी भूमिका में बहुत तेजी आई है।
नेक्सस वेंचर पाटर्नर्स
सिलिकन वैली और बेंगलुरू दोनों जगह से काम करने वाला यह वेंचर कैपिटल फंड कुछ भारतीय उद्यमियों के दिमाग की उपज है। इसने कई क्लाउड बेस्ड उपक्रमों की मदद की है। लेकिन स्नैपडील की फंडिंग ने इसे असली फायदा पहुंचाया। इस समय यह ऑनलाइन शॉपिंग कंपनियों में काफी निवेश कर रहा है।