किंगफिशर की बर्बादी का कारण सरकार : विजय माल्या
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विजय माल्या को देश के बड़े डिफॉल्टर के रूप में गिना जाता है। हाल ही में उन पर सीबीआई और सेबी ने कई आरोप लगाए जिसे लेकर माल्या ने उलटा सरकार पर ही हल्ला बोल दिया। माल्या ने कहा कि सीबीआई और सेबी मुझ पर आरोप लगाने से पहले मेरे तीखे सवालो का जवाब दे। इसके अलावा माल्या ने किंगफिशर के बर्बाद होने का कारण सरकार को बताया।
सीबीआई के पास क्या सबूत है
विजय माल्या ने ट्वीट में कहा कि “सीबीआई और सेबी (सिक्युरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) को मुझपर आरोप लगाने से पहले मेरे तीखे सवालों का जवाब देना होगा। आखिर उनके पास इसका सबूत क्या है?“ उन्होंने ये भी लिखा- “सीबीआई ने मुझसे पूछताछ की। उनके सबूत बताते हैं कि मैंने फंड्स का कहीं भी गलत इस्तेमाल नहीं किया।“
सरकार पर लगाए आरोप
किंगफिशर ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि “किंगफिशर सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइंस थी। पॉलिसी और आर्थिक हालात के चलते ये कमजोर हो गई। सरकार ने एअर इंडिया को तो उबारा पर किंगफिशर के लिए कुछ नहीं किया। मैं अपने इम्प्लॉइज और शेयरहोल्डर्स को रोज सॉरी बोलता हूं।“
मैने मांगी थी मदद
माल्या ने ये भी ट्वीट किया, “मैंने मदद मांगी थी। लोन के लिए नहीं बल्कि पॉलिसी में बदलाव के लिए कहा था। पेट्रोल और स्टेट सेल्स टैक्स में छूट की बात कही थी। हमें 140 डॉलर प्रति बैरल की रेट से पेट्रोल मिलता रहा। उस वक्त मंदी थी। लेकिन कुछ नहीं किया गया। मेरे केस में टीवी एंकर्स तो पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ही बन गए और लोगों में मेरे खिलाफ राय बन गई। मुझे उम्मीद है कि ज्यूडिशियरी इस बात को भी सामने लाएगी।“
मीडिया ने बिना ट्रायल ही दोषी ठहरा दिया
मीडिया ने मेरे लिए लूट, गेट जैसी हेडलाइंस बनाईं। क्या इसे सही रिपोर्टिंग कहा जाना चाहिए? अपनी लकदक लाइफस्टाइल के लिए माल्या ने कहा, “मेरा ये तरीका आज से नहीं है। ये उस वक्त से है, जब 20 साल पहले किंगफिशर शुरू हुई थी।“ “अभी तक ज्यूडिशियरी ने यह तय नहीं किया कि किंगफिशर एयरलाइंस पर बैंकों का कितना बकाया है? ट्रायल के बाद मेरे पास कितना उधार बाकी रह जाएगा।“
“मुझे लगता है कि हमारे देश में जब तक प्रूव न हो जाए तब तक किसी को गुनहगार नहीं माना जा सकता। मीडिया ने मुझे बिना ट्रायल के दोषी करार दे दिया है। इसी बात को लगातार फैलाया जा रहा है।“
I begged for help.Not for loans but policy changes-declared goods status for fuel,flat rate of state sales tax instead of ad Valorem,FDI etc
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) January 28, 2017
TV anchors in India have become vociferous Public Prosecutors influencing public opinion. I only hope that our esteemed judiciary rise above
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) January 28, 2017
"Loot"…"Gate" etc etc…such innovative headlines to describe me without Judicial determination ?? Fair and unbiased reporting ??
— Vijay Mallya (@TheVijayMallya) January 28, 2017
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