छात्रसंघ को विश्वविद्यालयों में राजनीति की नर्सरी माना जाता है और इसी वजह से यह देश भर के राज्य और केन्द्र विश्वविद्यालयों में इसका आयोजन किया जाता है। छात्रसंघ का चुनाव इलाहाबाद, बीएचयू से लेकर जेएनयू तक में आयोजित किया जाता है और जेनएनयू में इसका आगाज भी हो चुका है।
खबरों के मुताबिक जेएनयू में छात्रसंघ का चुनाव संपन्न हो गया है और अब 11 सितम्बर को रिजल्ट आना बाकी है। ऐसे में कौन जीतेगा और कौन हारेगा यह तो भविष्य बताएगा लेकिन इसके चुनाव प्रचार में जो चीजें देखी गई वह पहले कभी नहीं देखी गई थी।
हम बात कर रहे हैं जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे दिव्यांग प्रत्याशी फारूख आलम की जिनके भाषण ने सभी प्रत्याशियों की बैंड बजा के रखी दी। आपको जानकर हैरानी होगी कि एक ऐसे वक्त में जब बड़े बड़े लोग और पार्टियों से संबंध रखने वाले प्रत्याशी मैदान में ताल ठोक रहे थे।
ऐसे समय में तीन फुट के फारूख आलम ने मंच पर कदम रखा तो कई तो हैरत में पड़ गए। उनकी हैरानी तब और बढ़ गई जब फारूख का भाषण शुरू हुआ। खबर के मुताबिक इस निर्दलीय प्रत्याशी को इस भाषण में जितनी ताली मिली आखिर तक किसी दिग्गज वक्ता को नहीं मिलीं।
आप भी नीचे दिए जा रहे फारूख का भाषण सुन सकते हैं। जब ऐसे वक्त में बाकी गुटों के प्रत्याशी अपने एजेंडे पर जान लड़ा रहे थे तब फारूख जेएनयू की अवाज उठा रहे हैं। फारुख आलम की एक एक लाइनों ने सभी को हतप्रभ करके रख दिया।
यहां कोई ढपली, कोई डमरू, कोई ड्रम तो कोई शंखाकार बाजा लेकर मैदान में था। भाषण से पहले ही माहौल गर्म था। हर गुट दूसरे पर भारी पड़ता नजर आ रहा था। छात्रों का एक बड़ा वर्ग वह भी था जो इन समूहों के चारों तरह घेरा बनाए इनका उत्साहवर्धन कर रहा था।
कईयों ने पकड़ ली राह
आपको जानकर हैरानी होगी कि जब कैम्पस में फारूख का भाषण शुरू हुआ तब कई प्रत्याशी चुपके से निकल लिए। वह बोलता, नारे लगाता और इन संगठनों को लताड़ता और दूसरी ओर भीड़ जोरदार तालियों से उसका उत्साहवर्धन करती।
बताया जा रहा है कि वहां अजीब हालात तब होने लगी जब वो एक संगठन को लताड़ता तो दूसरे ताली बजाते और वह ठिठकता और कहता- अच्छा बहुत ताली बजा रहे हो तुम लेफ्ट वालो, अभी मैं तुम पर भी आता हूं। माहौल फिर हंसी के ठहाकों से भर जाता। इस डिबेट का शो का आलम सबसे अलग नजर आया।
खैर। आप नीचे वाले लिंक पर क्लिक करके फारूख का वीडियो देखिए। उनके भविष्य पर फैसला तो 11 सितम्बर को होना है। तब हम आपको जेएनयू की छात्रसंघ चुनावों की पूरी रिपोर्ट से रूरू करवाएंगे–