12वां खिलाड़ी हूं तो क्या, “ड्रिंक सर्व करने में मेरा ईगो हर्ट नहीं होता”
अजिंक्य रहाणे टीम इंडिया के शानदार खिलाडिय़ों में से हैं। तीन महीने पहले वे जिस टीम के कप्तान थे, वहीं उसी टीम के आज वे 12वें खिलाड़ी हैं। ऐसी विपरीत परिस्थिति में हर किसी के ईगो को चोट पहुंच सकती है, लेकिन रहाणे इन सभी परिसिथतियों से जरा भी प्रभावित नहीं हुए हैं। वह मार्च में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ धर्मशाला टेस्ट जीतकर सीरीज जीतने वाली भ्ज्ञारतीय टीम के कप्तान थे और जून में चैंपियन ट्रॉफी में टीम इंडिया के 12वें खिलाड़ी थे।
लेकिन रहाणे को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता। वे कहते हैं कि “अगर मैं टेस्ट टीम का उपकप्तान हूं तो इसका ये मतलब नहीं है कि मैं वनडे में 12वें खिलाड़ी के तौर पर अपनी भूमिका नहीं निभाऊंगा. जिस समय आप अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हैं उस समय आपसे उम्मीद की जाती है कि आप हर वो जिम्मेदारी निभाएंगे जोकि आपको दी जाएगी. जब मैं चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान ड्रिंक्स ले जा रहा था तो मेरे साथ अहम की कोई समस्या नहीं था. मैं इसी तरह क इंसान हूं.’
- - Advertisement - -
रहाणे को चैंपियंस ट्रॉफी में खेलने का मौका नहीं मिला लेकिन उसके बाद वेस्टइंडीज में हुई वनडे सीरीज में उन्होंने जोरदार प्रदर्शन करते हुए 5 मैचों में 67.20 की औसत से 1 शतक और 3 अर्धशतकों की मदद से 336 रन बनाए और मैन ऑफ द सीरीज रहे.
रहाणे ने कहा, ‘वेस्टइंडीज सीरीज मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण थी क्योंकि मैं अपनी निरंतरता को दिखा सका. ये सीरीज मेरे लिए वनडे करियर के लिए महत्वपूर्ण है और लगभग सभी मैचों में रन बनाना वास्तव में संतुष्टिदायक अहसास है. मुझे अपनी बैटिंग के एक दूसरे पक्ष को दिखाने और खुद को अलग तरीके से व्यक्त करने का मौका मिला.
श्रीलंका के खिलाफ 26 जुलाई से शुरू हो रही तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के लिए रहाणे ने कहा, ‘हर टेस्ट सीरीज की तरह इस सीरीज के लिए भी उन्होंने अपना होमवर्क किया है. उन्होंने कहा, मेरे पास इस सीरीज को लेकर कुछ योजनाएं हैं और मैं इसके लिए काम कर रहा हूं. साथ ही जिम्बाब्वे सीरीज इस बात का संकेत नहीं है कि श्रीलंकाई टीम भारत के लिए एक आसान शिकार होगी. उनके पास विपक्षी के तौर पर कुछ बेहतरीन खिलाड़ी हैं. हमें उनका सम्मान करने की जरूरत है.’
- - Advertisement - -