जानिए कैसे और क्यों हुई 500 – 1000 के नोट बंद करने की प्लानिंग
500 और 1000 के नोट बंद करने के पीएम मोदी के बड़े फैसले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। एक तरफ देश हित में इस फैसले को अच्छा माना जा रहा है वहीं दूसरी तरफ लोगों को इस फैसले से कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस फैसले की जानकारी मिलते ही लोग रात में ही अपने घरों से 100 के नोट निकालने एटीएम की ओर चल पड़े। इससे सड़कों पर ट्रेफिक तो बढ़ा ही साथ ही एटीएम के बाहर लगी लंबी भीड़ ने भी लोगों को काफ़ी सताया। ख़ास बात ये रही कि ये भीड़ पैसा निकालने की नहीं बल्कि सीडीएम में पैसा जमा करने की थी। लोड बढ़ने की वजह से कई जगहों के पर एटीएम और सीडीएम के सर्वर डाउन हो गए जिससे लोगों को काफ़ी परेशानी हुई।
6 महीने से चल रही थी प्लानिंग
केंद्र सरकार ने कहा है कि काले धन पर शिकंजा कसने के लिए यह फैसला अचानक नहीं लिया गया। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने मंगलवार को कहा कि इस मुहिम के लिए पिछले छह माह से तैयारी चल रही थी लेकिन इसको पूरी तरह से गोपनीय रखा गया था।
बैंकों में पहले ही पहुंच गए थे नए नोट
पिछले दो माह में दो हजार रुपए के नोट बड़ी संख्या में नोट बैंकों में पहुंचाए गए थे लेकिन ये किस प्रकार के नोट हैं, उन्हें इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। पीएम के देश के नाम संबोधन के बाद आरबीआई गर्वनर उर्जित पटेल ने कहा कि हमने 500 और हजार के पुराने नोट के बदले में 500 और 2000 रुपए के नोट जारी करने के लिए पर्याप्त संख्या में नए नोटों की छपाई की है।
इसलिए लिया पीएम मोदी ने ये फैसला
आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा कि काले धन के खिलाफ पहले भी तमाम कदम उठाए गए हैं। लेकिन जाली नोट के कारण मुद्रास्फीति और देश की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ रहा था। लिहाजा यह बड़ा फैसला किया गया। उन्होंने कहा कि आर्थिक विकास में बढ़ोतरी और बड़े नोटों की संख्या के बीच अंतर बताता है कि बड़ी रकम काला धन छिपाने में इसका इस्तेमाल किया जा रहा था। उन्होंने साफ किया कि बड़े नोटों के आंकड़ों के साथ बताया कि काले धन का आकार तेजी से बढ़ रहा था, ऐसे में कड़े कदम की जरूरत थी।
दास ने की लोगों से अपील
दास ने आम नागरिकों से अपील की कि वे किसी काले धन के जमाखोरों के हाथों में न खेलें। उन्होंने कहा कि कोई भी नागरिक काले धन के जमाखोरों से ऐसा धन लेकर अपने खातों में जमा न करें। सरकार ने स्पष्ट किया है कि इलेक्ट्रानिक लेनदेन में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया गया है। बैंकों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिससे पता चल सके कि कौन किसके लिए रकम बैंक में जमा कर रहा है।
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