भारतीय महिला क्रिकेट खिलाडिय़ों ने वल्र्ड कप के फाइनल में पहुंचकर तो इतिहास रचा है , वो तारीफ के काबिल है। हर किसी की जुबान इन महिला खिलाडिय़ों की तारीफ करते नहीं थक रही। सेमिफाइनल में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हरमनप्रीत कौर ने जो प्रदर्शन किया, वो लाजवाब था। फाइनल में पहुंचने के बाद हर कोई सोशल मीडिया पर इन जाबाज महिला खिलाडिय़ों को सलाम ठोक रहा है। सोशल मीडिया पर इनकी खूब जमकर तारीफ की जा रही है। लेकिन आज के और पहले के हालात काफी अलग थे।
आप जानते हैं कि 2005 में जब महिला क्रिकेट का वल्र्ड कप हुआ था तो उसे टीवी के किसी भी चैनल पर टेलीकास्ट नहीं किया गया था। उस वक्त महिला खिलाडिय़ों को इतना सम्मान और तवज्जो भी नहीं दी जाती थी। इस बात से उनकी हौंसले में कहीं न कहीं कमी आती थी।
उन दिनों को याद करते हुए पूर्व स्पीकर और 2005 में हुए वल्र्डकप फाइनल का हिस्सा रहीं अंजुम ने खिलाडिय़ों की तारीफ करते हुए बताया कि आज इन महिला खिलाडिय़ों ने क्रिकेट की तस्वीर ही बदल डाली है। इन 40 सालों में भारतीय महिला किक्रेट में बहुत बदलाव आया है। आज तो हर कोई इन खिलाडिय़ों की तारीफों के पुल बांध रहा है। हर किसी को इन पर नाज है। लेकिन पहले की स्थिति और माहौल कुछ और ही था।
पहले तो टीवी पर इस खेल को दिखाया ही नहीं जाता था। 2005 में जब भारत ने ऑस्ट्रेलिया का सामना किया था, तब फेसबुक नया-नया था, वॉट्सएप आया नहीं था और ट्विटर का तो केवल कंसेप्ट ही तैयार हो रहा था। ऐसे में लोगों तक इस क्रिकेट की पहुंच बहुत कम थी। किसी को पता ही नहीं चलता था कि हमारे देश में महिला खिलाडिय़ों का भी क्रिकेट चल रहा है। ऐसे में पहले की महिला खिलाडिय़ों का अपनी पहचान बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था। लेकिन आज लोग सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं, उन्हें हर बात की जानकारी रहती है। यही वजह है कि अब ये महिला खिलाड़ी इन लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गई हैं। हां, इस जीत से लाग इतना तो जरूर समझ गए होंगे कि लड़कियां चकला-बेलन संभालने के साथ-साथ बल्ला भी संभाल सकती हैं।