आंतकी खुद बोला, लड़कियां पटाने के लिए युवा चुन रहे आतंक की राह
कश्मीर में 7 अप्रैल को हिज्बुल मुजाहिद्दीन के एक आतंकी दानिश अहमद ने इंडियन सिक्यूरिटी फोर्स को सरेंडर किया था। फोर्स द्वारा दानिश से की गई पूछताछ में उसने बताया कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन में ऐसे कई युवक हैं जो सरेंडर तो करना चाहते हैं, लेकिन उन्हें डर है कि अगर वे सरेंडर करेंगे तो उन्हें मार दिया जाएगा। फोर्स द्वारा की पूछताछ के अनुसार दानिश ने बताया कि कई युवक मुजाहिद्दीन में इसलिए शामिल हो रहें है, ताकि लड़कियों को अपनी ओर आकर्षित कर सकें।
लड़कियां आतंकियों को अपना हीरो मानती हैं
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दानिश ने बताया कि उसे उत्तरी कश्मीर के युवाओं को इस संगठन में जोड़ने का काम दिया गया था, जिससे की दक्षिणी कश्मीर की ही तरह इस एरिया में भी आतंक फैलाया जा सके। इसी के साथ दानिश ने फोर्स अधिकारियों को बताया कि ज्यादातर युवक आतंक की राह इसलिए चुन रहे हैं, ताकि वे स्थानीय लड़कियों को अपनी तरफ आकर्षित कर सकें। उसने बताया कि कई स्थानीय लड़कियां आतंकियों को अपना हीरो मानती हैं।
भावी लश्कर कमांडर पाकिस्तानी आतंकी अबु दुजाना – इसकी कई प्रेमिकाएं हैं
मंबई मिरर के अनुसार भी आतंकी लड़कियों को ऐसा प्रतीत कराते हैं जैसे कि वे उनके रॉबिन हुड हैं। दानिश ने बताया कि हिज्बुल मुजाहिद्दीन में कई ऐसे टॉप कमांड़र हैं, जिनकी कई सारी प्रेमिकाएं हैं, उनमें से एक है अबु दुजाना। अबु दुजाना पाकिस्तानी आतंकी है जो कि घाटी में लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर बनने वाला है। आपको बता दें कि दानिश को हिजबुल मुजाहिद्दीन के कमांडर सबजार की शव यात्रा में देखा गया था।
सबजार की बेज़ार जिंदगानी के कुछ पहलू
सबजार को जम्मू कश्मीर में 27 मई को हुए एक एनकाउंटर में मार गिराया गया था। बुरहान वानी के मारे जाने के बाद सबजार को हिजबुल मुजाहिद्दीन का टॉप कमांडर बनाया गया था। उसको ‘सब डॉन’ के नाम से भी जाना जाता था। सोशल मीडिया पर संगठन की ओर से आने वाले कई वीडियो और फोटो में सबजार को देखा गया। सबजार को कश्मीर में A++ केटेगरी का आतंकी माना जाता था। सबजार बुरहान वानी का खास था। दोनों को बचपन का दोस्त बताया जाता है। एनकाउंटर वाले दिन 27 वर्षीय सबजार करीब 10 घंटे तक एक भी गोली चलाए बिना दुबका रहा था।
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