गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें, गौ-हत्यारे को हो उम्रकैद – हाई कोर्ट
राजस्थान हाई कोर्ट ने कहा है कि गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें। न्यूज एजेंसी ANI ने ट्वीट पर ये जानकारी उपलब्ध कराई की हाई कोर्ट ने राजस्थान सरकार से कहा है कि कानून में बदलाव कर गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें, व गाय का वध करने वालों को आजीवन उम्रकैद की सजा होनी चाहिए। कोर्ट ने हिनगोनिया गौशाला में गायों की मौत मामले पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की। कोर्ट ने वन विभाग को यह भी आदेश दिया है कि हर साल गौशालाओं में 5000 पौधे लगाए जाएं। फिलहाल गौहत्या करने पर 3 साल की सजा का प्रावधान है।
मद्रास हाई कोर्ट द्वारा 4 हफ्ते केंद्र के फैसले पर रोक
26 मई को मोदी सरकार ने वध के लिये पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-फरोख्त पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। पर्यावरण मंत्रालय ने पशु क्रूरता निरोधक अधिनियम के तहत सख्त ‘पशु क्रूरता निरोधक (पशुधन बाजार नियमन) नियम-2017’ को अधिसूचित किया था। लेकिन मद्रास हाई कोर्ट ने 4 हफ्ते के लिए केंद्र सरकार के इस फैसले पर रोक लगा दी है और इस संबंध में उससे जवाब तालाब किया है। मद्रास हाईकोर्ट की मदुरै बेंच ने कहा था कि लोगों की ‘खाने की आदत’ तय करना सरकार का काम नहीं है। इस संबंध में केन्द्र के फैसले के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एम.वी. मुरलीधरन और जस्टिस सी.वी. कार्तिकेयन ने कहा था कि अपने पसंद का खाना चुनना सभी का व्यक्तिगत मामला है और इस अधिकार में कोई दखल दे नहीं सकता।
गौ-वध पर राज्यों का मत
वध के लिए मंडियों और बाजार में पशुओं की बिक्री पर रोक लगाने के फैसले का कई राज्य सरकारों ने विरोध भी किया था। प. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा था कि केन्द्र सरकार ने यह फैसला राज्यों से बिना पूछे लिया है। इस मामले में बड़ा विवाद तब छिड़ गया था, जब केरल के कन्नूर में इस फैसले के विरोध में यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक रुप से एक बछड़े को काटा था और उसके मीट को लोगों के बीच में बांटा था। यूथ कांग्रेस के इस कार्यक्रम का देश भर में विरोध हुआ था। खुद पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इसकी निंदा की थी। हालांकि कांग्रेस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए अपने पार्टी के 2 सदस्यों को बाहर का रास्ता दिखा दिया था। IIT मद्रास में भी स्टूडेंट्स ने सरकार के इस फैसले के खिलाफ बीफ फेस्टिवल का आयोजन किया था। वहीं केरल के सीएम पिनराई विजयन ने भी केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर उन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह किसी भी शख्स के संवैधानिक और मूलभूल अधिकारियों का हनन है। विजयन ने कहा, यह देखना होगा कि केंद्र सरकार के पास यह आदेश देने का अधिकार है या नहीं?
- - Advertisement - -