भारतीय झेल रहे साइबर खतरे, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े
कुछ महीनों पहले ही इंडिया के कई लोगों एटीएम कार्ड का डाटा हैक कर लिया गया था जिसके बाद लोगों के एटीएम को बदला गया था। इन दिनों इंडिया में साइबर क्राइम भी काफी बढ़ने लगे हैं। आज हर कोई मोबाइल में इंटरनेट यूज कर रहा है और उसकी कई पर्सनल चीज़ें इसी मोबाइल में ही होती है अगर सुरक्षा पर ध्यान न दिया जाए तो हैकर आसानी से आपके मोबाइल को टारगेट कर आपका डाटा चुरा सकते हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट आई है जिसमें चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए है।
इंडिया में बढ़ते इंटरनेट के इस्तेमाल के कारण भारत में लगभग 63 फीसदी लोग साइबर खतरे का शिकार हो रहे हैं। ये डाटा दुनिया की सबसे बड़ी आईटी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने डिजिटल सिविलिटी इंडेक्स के जरिए 14 देशो में किए गए सर्वेक्षण के आधार पर जारी किया है। इसके अनुसार कई लोग ऐसे भी हैं जिन्होंने एक महीने में चार बार साइबर खतरा झेला है।
14 देशों में किया सर्वेक्षण
माइक्रोसॉफ्ट की ओर से किया गया ये सर्वेक्षण चौदह देशों में किया गया है जिसके बाद पाया गया है कि भारत में 63 फीसदी लोग साइबर खतरें का शिकार हो जाते है। आपको बता दें कि डिजिटल सिविलिटी इंडेक्स माइक्रोसॉफ्ट की मुहिम का हिस्सा है जो ऑनलाइन संपर्क को सुरक्षित तथा समावेशी बनाने के लिए काम करती है तथा डिजिटल जगत में जागरूकता लाने में काम करती है।
महिलाएं ज़्यादा सतर्क
इस रिपोर्ट में पाया गया है कि कई लोग साइबर खतरे का शिकार तो हो जाते है लेकिन इसके बारे में जानते नहीं है और आगे क्या करना है बारे में भी कोई एक्शन नहीं ले पाते। वहीं दूसरी ओर भारत में करीब 50 प्रतिशत युवा और 35 प्रतिशत व्यस्क ऐसे है जिन्हें पता है कि ऐसे मामलों में कहां मदद मिलेगी। इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि साइबर खतरों से महिलाएं ज़्यादा सतर्क है, वे अपनी प्राइवेसी का पूरा ध्यान रखती है। भारत में करीब 61 फीसदी महिलाएं इसका शिकार हुईं लेकिन शिकार होने के बाद इन्होंने अपनी प्राइवेसी को और भी कड़ा कर लिया।
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