देश की रक्षा के लिए तैनात है ये समुद्री शक्तियां
भारतीय नौसेना के इंटरनेशनल फ्लीट रिव्यू में शामिल चुकी हैं। नौसेना के फ्लीट रिव्यू में शामिल होने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विशाखापत्तनम में भारत की समुद्री ताकत और फायर पावर का मुआयना करेंगे। इस बेडा निरीक्षण में हिस्सा ले रही 50 से भी अधिक देशों की नौसेनाएं भी भारत की समुद्री ताकत से रूबरू होंगी। इस शक्ति प्रदर्शन में नौसेना के विमानवाहक पोत, पनडुब्बियां तथा युद्धपोत अपनी मारक क्षमता दिखायेंगे और नौसेना अपनी हवाई ताकत के साथ-साथ जांबाज नौसैनिक कमांडो के साहसिक कारनामों का भी नमूना पेश करेगी। फ्लीट रिव्यू में शामिल होने वाली भारत की ताकत इंडियन नेवी की शक्तियां…
आई एन एस विक्रमादित्य
आई एन एस (INS) विक्रमादित्य पूर्व सोवियत विमान वाहक एडमिरल गोर्शकोव का नया नाम है, जो भारत द्वारा हासिल किया गया है। पहले अनुमान था कि 2012 में इसे भारत को सौंप दिया जाएगा, किंतु काफी विलंब के पश्चात् 16 नवम्बर 2013 को इसे भारतीय नौसेना में सेवा के लिए शामिल कर लिया गया।
भारतीय नौसेना पोत विराट
भारतीय नौसेना पोत विराट (आई एन एस विराट) भारतीय नौसेना में सेंतौर श्रेणी का एक वायुयान वाहक पोत है। भारतीय सेना की अग्रिम पंक्ति (फ़्लेगशिप) का यह पोत लंबे समय से सेना की सेवा में है। भारतीय नौसेना पोत विक्रांत के सेवामुक्त कर दिए जाने के बाद इसी ने विक्रांत के रिक्त स्थान की पूर्ति की थी। इस समय यह हिंद महासागर में उपस्थित दो वायुयान वाहक पोतों में से एक है।
आईएनएस कोलकाता
आईएनएस कोलकाता – डी-63, भारत में अब तक तैयार किया गया सर्वाधिक ताकतवर युद्धपोत माना जाता है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 16-अगस्त, 2014 को मुंबई स्थित नौसेना गोदी में ‘आईएनएस कोलकाता’ भारतीय नौसेना को सौंपा। इसमें लगी ज्यादातर प्रणालियां स्वदेश निर्मित हैं जिनमें सीएमएस, एसीएस, एपीएमएस, फोल्डेबल हैंगर डोर, हेलो ट्रैवर्सिंग सिस्टम और एचयूएमएसए एनर्जी प्रणाली प्रमुख हैं। आईएनएस कोलकाता की एक अन्य खासियत है कि यह नाविकगण के लिए अत्यंत आरामदेह है।
आई एन एस कोच्चि
आई एन एस कोच्चि (INS, Cochi-64) भारतीय नौसेना का एक युद्धपोत है जिसे 30 सितम्बर 2015 को नौसेना में शामिल किया गया। यह आईएनएस कोलकाता के बाद कोलकाता-श्रेणी विध्वंसक श्रृंखला का दूसरा युद्धपोत है।
आई एन एस विशाखापत्तनम
देश में ही बना युद्दपोत आईएनएस विशाखापत्तनम को 20 अप्रैल 2015 को मुबंई के समुद्र में उतारा गया। एक ओर जहां ये अत्याधुनिक हथियारों लैस है, वहीं दूसरी ओर ये दुश्मन के मिसाइल को चकमा देने में भी सक्षम है। वजह यह है कि इसे स्टेल्थ तकनीक से बनाया गया है। इतना ही नहीं ये एटमी, जैविक और रासायनिक हमले के हालात में भी चुनौतियों का सामना कर सकता है। प्रोजेक्ट 15-बी के तहत इसे मुंबई के मझगांव डॉकयार्ड में तैयार किया गया है। 7,300 टन वजनी ये नौसेना का सबसे बड़ा डिस्ट्रॉयर यानी कि विध्वंसक है, जिसमें आठ ब्रहोम्स मिसाइल लगे हैं।
पनडुब्बियाँ
सिंधुघोष श्रेणी की पनडुब्बियाँ भारतीय नौसेना द्वारा प्रयोग की जाने वाली डीज़ल-बिजली चलित पनडुब्बियाँ हैं। ये रूस और भारत के मध्य हुए समझौते के तहत बनी हैं। इन पनडुब्बियों की विस्थापन क्षमता 3000 टन है। अधिकतम गहराई 300 मीटर व अधिकतम गति 18 नॉट है। 53 नाविकों के साथ यह 45 दिन तक अकेले ऑपरेट कर सकती है। भारतीय पनडुब्बियां सिंधुघोष, सिंधुध्वज, सिंधुराज, सिंधुवीर, सिंधुरत्न, सिंधुकेसरी, सिंधुकीर्ति, सिंधुविजय, सिंधुरक्षक, सिंधुराष्ट्र हैं।
परमाणु पनडुब्बियाँ
भारतीय नौसेना पोत (आई एन एस) अरिहंत परमाणु शक्ति चालित भारत की प्रथम पनडुब्बी है। इस 6000 टन के पोत का निर्माण उन्नत प्रौद्योगिकी पोत (ATV) परियोजना के अंतर्गत पोत निर्माण केंद्र विशाखापत्तनम में 2.9 अरब अमेरिका डॉलर की लागत से किया गया है। इसको बनाने के बाद भारत वह छठा देश बन गया जिनके पास इस तरह की पनडुब्बियां है।
मार्कोस
मार्कोस यह हमारे देश की सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा कमांडो मानी जाती है। इसे भारतीय नौ सेना द्वारा 1987 में बनाया गया था। यह एक विशेष बलों इकाई है यही कारण है कि यह सेना किसी भी तरह की परिस्थिती जैसे विशेष कारवाई करना आंतकवादियों का मुकाबला करना स्पीडली अटैक करना आदि में माहिर होती है। यह कमांडो समुद्री लडाइयों में अधिक माहिर होती है। इस कमांडो को दाढ़ीवाला फौज भी कहा जाता है क्योंकि ये सार्वजनिक इलाकों में अपनी पहचान को छुपाने में माहिर होते है। इस कमांडो के जवानों को विशेष शारीरिक और मानसिक प्रशिक्षण दिया जाता है। भारत के मार्कोस (मरीन) कमांडो सबसे ट्रेंड और एडवांस माने जाते हैं। मार्कोस को दुनिया के बेहतरीन यूएस नेवी सील्स की तर्ज पर ट्रेंड किया जाता है। मार्कोस कमांडो बनने के लिए कड़े मुकाबले से गुजरना होता है। 20 साल उम्र वाले प्रति 10 हजार युवा सैनिकों में एक का सिलेक्शन मार्कोस के लिए होता है।
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