ऐसे बॉलीवुड की ख़ूबसूरत हसीना बन गई पॉलिटिक्स की ’अम्मा’
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तकरीबन एक महीने से ज़्यादा समय से तमिलनाडु की सीएम जयललिता चेन्नई के अपोलो हॉस्पिटल में भर्ती हैं। जयललिता की ये हालत देखकर उनके फैन्स काफ़ी परेशान हैं। उनकी सलामती के लिए उनके फैन्स दिन-रात पूजा पाठ कर रहे हैं। किसी राजनेता के लिए इतना दीवानपन कम ही देखने को मिलता है और वो भी तब जब वह बॉलीवुड से निकलकर पॉलिटिक्स में एंट्री ले ले। फिलहाल जयललिता की हालत नाजुक बनी हुई है।
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एक अभिनेत्री से राजनेता बनीं जयललिता का सफ़र आसान नहीं रहा है। जयललिता का जन्म 24 फरवरी 1948 को एक तमिल परिवार में हुआ। वह पुराने मैसूर राज्य के मांड्या जिले के पांडवपुरा तालुक के मेलुरकोट गांव में पैदा हुई थीं। उनके दादा एक सर्जन थे। महज़ दो साल की उम्र में जयललिता के पिता की मौत हो गई थी। पिता की मौत के बाद जयललिता की मां उन्हें बेंगलुरु लेकर चली आईं। यहीं से जयललिता ने तमिल सिनेमा में काम करना शुरू कर दिया।
जब जयललिता स्कूल में पढ़ रही थीं तभी उनकी मां ने उन्हें फिल्मों में काम करने को राजी कर लिया और इसी दौरान उन्होंने ‘एपिसल’ नाम की अंग्रेजी फिल्म में काम किया। 15 की उम्र में जयललिता कन्नड़ फिल्मों में मुख्य अभिनेत्री की भूमिकाएं करने लगीं। इसके बाद वह तमिल फिल्मों में काम करने पहुंचीं। अभिनेता शिवाजी गणेशन के साथ भी फिल्में करके उन्होंने खूब नाम कमाया। यही नहीं जयललिता ने हिन्दी फिल्मों के प्रसिद्ध अभिनेता धर्मेंद्र के साथ भी काम किया है।
ऐसे हुई ‘अम्मा’ की पॉलिटिक्स में एंट्री
माना जाता है कि एमजी रामचंद्रन ने जयललिता की राजनीति में एंट्री करवाई थी। जयललिता ने तमिलनाडु से राज्यसभा के लिए प्रतिनिधित्व किया था, लेकिन रामचंद्रन की मौत के बाद उन्होंने खुद को उनकी विरासत का वारिस घोषित कर दिया। एम करुणानिधि की पार्टी द्रमुक से टूटने के बाद एमजीआर ने अन्नाद्रमुक का गठन किया। साल 1983 में एमजीआर ने जयललिता को पार्टी का सचिव नियुक्त किया और राज्यसभा के लिए मनोनित किया।
जनता के बीच अपनी मजबूत छवि बनाने के बाद जयललिता पहली बार साल 1991 में तमिलनाडु की मुख्यमंत्री बनीं, हालांकि 1996 में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा। 2001 में एक बार फिर वह मुख्यमंत्री बनने में सफल हुईं। यह वह समय था जब जयललिता भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रही थी इतना ही नहीं उन्हें कोर्ट से सजा भी हुई थी।
जयललिता पर आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में केस चला था, जिसमें वह दोषी पाई गईं थी। बेंगलुरु की अदालत ने जयललिता को चार साल की सजा सुनाई। इन सबके बावजूद भी जयललिता की छवि में कोई बदलाव नहीं आया। जब उन्हें मद्रास हाईकोर्ट से कुछ राहत मिली तो वह मार्च 2002 में फिर से मुख्यमंत्री बन गईं। इसके बाद वह 2011 में भी मुख्यमंत्री बनीं। तब से वह राज्य की मुख्यमंत्री हैं। गरीबों के लिए योजनाएं शुरू करके वह आम लोगों में काफी पॉपुलर हो गईं।
ऐश्वर्या ने निभाया था ‘अम्मा’ का रोल
साल 1997 में सीएम जयललिता के जीवन पर एक तमिल फ़िल्म ’इरूवर’ बनी थी। बॉलीवुड की ख़ूबसूरत अदाकारा ऐश्वर्या राय बच्चन ने पर्दे पर जयललिता का रोल निभाया था। इस फ़िल्म का निर्देशन मणिरत्नम ने किया था। माना जाता है कि ये ऐश की पहली तमिल फ़िल्म थी।
बहरहाल, लाखों फैन्स के साथ हम भी राजनीति में लोहा मनवाने वाली आइरन लेडी(जयललिता) की सलामती की दुआ करते हैं।
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