सीबीएसई, १०वी और १२वी की बोर्ड परीक्षाओं को 2018 से फ़रवरी में ही निपटाने की तैयारी कर रहा है. अब स्टूडेंट्स को ज्यादा दिनों तक परीक्षाओं के तनाव से नहीं गुजरना होगा। 45 दिनों तक चलने वाली प्रोसेस को अब 30 दिन में पूरा करने पर विचार हो रहा है। सीबीएसई ने चेकिंग और मार्किंग सिस्टम को ज्यादा ट्रांसपेरेंट करने के लिए यह कदम उठाया है।
सीबीएसई के चेयरमैन आर. के. चतुर्वेदी के अनुसार परीक्षा एक महीने पहले कराने से परीक्षा परिणाम की घोषणा की तारीख भी जल्दी घोषित हो जाएगी और परीक्षा के नतीजे जल्दी घोषित करने से CBSE के बच्चों को अंडर-ग्रैजुएट ऐडमिशन प्रोसेस में मदद मिलेगी।
सीबीएसई के नतीजों में जबसे गड़बड़ी का मुद्दा सामने आया है सीबीएसई, मूल्यांकन की प्रक्रिया में सुधार करने के के लिए काम कर रही है और उसी प्रोसेस को पूरा करने के लिए, परीक्षाओं को एक महीने पहले आयोजित करवाने के बारे में सोचा जा रहा है। बोर्ड के चेयरपर्सन चतुर्वेदी के अनुसार एक कारण यह भी है कि, ‘अप्रैल महीने तक स्कूलों में छुट्टियां शुरू हो जाती हैं और अनुभवी शिक्षक उपलब्ध नहीं होते।
अप्रैल में स्कूल की छुट्टियों के वक्त मूल्यांकन प्रक्रिया के लिए स्कूल्स से अस्थायी, ऐडहॉक और नए शिक्षक मिलते हैं क्योंकि अनुभवी शिक्षक छुट्टी पर होते हैं और वे सहायता नहीं करना चाहते।‘ इसलिए जल्दी परीक्षाएं होने से अनुभवी शिक्षक मिल सकेंगे मूल्यांकन के लिए, जिससे परिणामो में ज्यादा शुद्धता आएगी। हर साल बोर्ड परीक्षा की मूल्यांकन प्रक्रिया में करीब 50 हजार शिक्षक उत्तर पुस्तिकाओं को चेक करते हैं, फिर भी गड़बड़ी सामने आती है तो इस लिए बोर्ड के चेयरपर्सन चतुर्वेदी ने कहा है कि, ‘ हम टीचर्स ट्रेनिंग की ही तरह मूल्यांकनकर्ताओं के लिए भी 2 ट्रेनिंग सेशन की शुरुआत दिसंबर 2017 से करेंगे।