G-20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका पड़ा अलग-थलग, 19 देश एक साथ
अमेरिका, जी-20 शिखर सम्मेलन 2017, में उस समय अकेला पड़ गया जब भारत एवं समूह के 18 अन्य सदस्यों ने ‘पेरिस जलवायु में समझौते को’ नहीं बदलने जैसा तीखा जवाब दिया। इस ऐतिहासिक समझौते में वाशिंगटन ने अलग होने का निर्णय लिया। दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन में भारतीय पक्ष को आतंकवाद को रोकने और वैश्विक व्यापार एवं निवेश को बढ़ावा देते हुए देखा गया।
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हैम्बर्ग में हुए दो दिवसीय सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा मेजबान जर्मनी की चांसलर एंजेला मार्केल और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत विश्व के कई शीर्ष नेताओं ने भाग लिया था। एंजेला ने कहा कि दुर्भाग्यवश अमेरिका पेरिस समझौते के खिलाफ खड़ा रहा लेकिन अन्य सभी सदस्यों ने इस समझौते का समर्थन किया।
पेरिस समझौते से अमेरिका के पीछे हटने के फैसले को ध्यान में रखते हुए जी-20 की आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा ‘अन्य जी -20 सदस्यों के नेताओं ने सहमति जताई कि पेरिस समझौते में परिवर्तन नहीं किया जा सकता’। विज्ञप्ति में भ्रष्टाचार, कर, चोरी, आतंकवाद को मिलने वाली वित्तीय मदद एवं धनशोधन के खिलाफ मिलकर लड़ने की प्रतिबद्धता जताई गई।
सभी ने मिलकर भ्रष्टाचार के खिलाफ संगठित होने संबंधी जी-20 के उच्च स्तरीय सिद्धांतों को पारित किया, जिनमें कहा गया कि भ्रष्टाचार सरकार के दक्ष एवं प्रभावी संचालन के अलावा निर्णय लेने में निष्पक्षता एवं सरकारी सेवाओं को उचित तरीके से मुहैया कराने की प्रक्रिया को बाधित करता है। जी-20 भ्रष्टाचार रोधी कार्य योजना 2017-18 भ्रष्टाचार के खिलाफ संगठित होने समेत सार्वजनिक क्षेत्र की अखंडता एवं पारदशर्ति को प्राथमिकता मानती है।
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