दुनिया भर के आर्थिक ढांचे को लड़खड़ा सकने वाले ये घटनाक्रम जारी हैं :- 1. उत्तर कोरिया के साथ जारी तनातनी, 2. सीरिया को लेकर रूस और अमेरिका के बीच शुरू आरोप-प्रत्यारोपों के दाैर तथा 3. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अस्पष्ट विदेश, आर्थिक और राजनीतिक नीतियों से निवेशकों में मचे हडकंप, इन सबके के बावजूद दुनियाभर के धनाढ्य अपने-अपने कारोबार को लेकर बेफ्रिक हैं। आइये समझते है ये रिपोर्ट।
वर्ल्ड के 2,842 अमीरों के सर्वे की यह रिपोर्ट
UBS वेल्थ मैनेजमेंट की आज जारी सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक धनकुबेरों को यह भरोसा है कि वैश्विक पटल पर छाई आर्थिक, राजनीतिक और वित्तीय धुंध से वे अपने कारोबार को बिना किसी नुकसान के बचाकर निकाल ले जायेंगे। हांगकांग, जापान, सिंगापुर, ब्रिटेन, इटली और स्विट्जरलैंड में 10 लाख डॉलर से अधिक संपत्ति के 2,842 अमीरों के सर्वेक्षण के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है।
82% अमीरों का कहना – ‘यह इतिहास का सबसे अनिश्चित दौर’
सर्वेक्षण में शामिल 82% अमीरों का कहना था कि यह इतिहास का सबसे अनिश्चित दौर है। 25% से ज्यादा प्रतिभागियों ने अपने-अपने निवेश की समीक्षा करनी शुरू कर दी है और करीब 50% का कहना है कि वे भी अपने निवेशों की समीक्षा करना चाहते हैं, हालांकि अभी उन्होंने ऐसा करना शुरू नहीं किया है।
वैश्विक उथलपुथल के बावजूद अपने कारोबार को बचा लेंगे
सर्वेक्षण के करीब 77% प्रतिभागियों का मानना है कि वे इन अनिश्चितताओं से भरे इस दौर में भी वित्तीय जोखिमों का सही आकलन कर सकते हैं। करीब 51% धनकुबेरों को उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में उनकी वित्तीय स्थिति में और सुधार होगा जबकि 13% को अपनी स्थिति के डंवाडोल होने की आशंका है।
सर्वेक्षण में शामिल 57% प्रतिभागी अपने दीर्घावधि लक्ष्यों की पूर्ति को लेकर आश्वस्त हैं जबकि 11% निराश हैं। आश्चर्यजनक रूप से 86% धनाढ्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते समय अपनी सूझबूझ पर भरोसा करते हैं। अधिकतर लोगों का मानना है कि वे वैश्विक उथलपुथल के बीच बिना किसी क्षति के अपने कारोबार को बचा लेंगे।
कॉर्पोरेट और वित्तीय प्रणाली के प्रति आशंकाग्रस्त
रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिकतर अमीरों ने आर्थिक और वित्तीय जोखिम को सबसे अधिक चिंता का विषय बताया है और वे कॉर्पोरेट और वित्तीय प्रणाली के प्रति आशंकाग्रस्त हैं, लेकिन वे फिर भी भविष्य के प्रति आश्वस्त हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 68% प्रतिभागी निवेश के निर्णय लेते समय सूचना के अतिप्रवाह से परेशान होते हैं और करीब 72% का कहना है कि आर्थिक योजना बनाते समय वे थोड़ी देर के लिए भटक जाते हैं। 18 से 34 साल के आयुवर्ग के धनकुबेरों का 50% हिस्सा वित्तीय संकट के बाद जोखिम उठाने में कम दिलचस्पी ले रहा है जबकि 65 से अधिक उम्र के अमीरों का मात्र 30% हिस्सा ऐसा करता है।