भारत के इन मंदिरों में होती है राक्षसों की पूजा
- - Advertisement - -
हम आज तक भगवान के मंदिरों को हर जगह देखते आए है। कही भी किसी भी तीर्थ स्थल पर जाते है तो भगवानों के ही मंदिर दिखते है जिन्होने राक्षसों और लोगों का उद्धार किया है। भगवान में लोगों की श्रद्धा-भक्ति भी काफी ज्यादा है इसलिए भारत में हर चौराहे, हर मोड़ पर आपको किसी ना किसी भगवान का मंदिर तो मिल जाएगा। पर हम आपको यहां भगवान के मंदिरों की कहानी बताने नहीं जा रहे है हम आपको यहां पर राक्षसों के मंदिरों की कहानी बताने जा रहे है जिन्हे पुराणो और ग्रंथों में बुरा बताया गया है।
आमतौर पर लोग अच्छे कर्मो वाले भगवानों को ही पूजते है पर देश में कई ऐसी भी जगह है जहां पर आज भी राक्षस और बुरे लोगों को पूजा जाता है यहां इनके मंदिर भी है। हम आपको कुछ ऐसे ही मंदिरों के बारे में बताने वाले है जिन्हे प्राचीनकाल में काफी बुरा बताया गया है। जिसे आम भाषा मे आप विलेन भी बोल सकते है…
1. शकुनि मंदिर, केरला
महाभारत में जिसके कारण पांडवों को वनवास हुआ वो शकुनि ही थे। महाभारत को शुरू करने वाले विलेन के बारे में कहा जाएं तो सबसे पहले शकुनि का ही नाम आता है। शकुनि की चौसठ की चालों के कारण ही पांडव अपना सब कुछ जुए में हार गए थे। महाभारत की शुरूआत करने वाले शकुनि का मंदिर केरला के कोल्ल्म जिलें में स्थित है। यह काफी प्राचीन मंदिर है और ये कोल्लम के पवित्रेश्वरम में स्थित है। इस मंदिर में शकुनि की पूजा व तांत्रिक क्रियाए भी होती है। यहां पर शकुनि की पूजा नारियल और रेशम के कपड़े से की जाती है।
2. दुर्योधन मंदिर
महाभारत में पांडवो के सामने सबसे बड़ी चुनौती खड़ी करने वाला दुर्योधन में भी महाभारत के बुरे पात्रों में गिना जाता है। दुर्योधन का मंदिर भी शकुनि मंदिर के पास ही स्थित है। इस मंदिर को मालंदा मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। दुर्योधन कौरवों में सबसे बड़ा भाई था। इस मंदिर मे भी रोजाना दुर्योधन की पूजा होती हैं। इस मंदिर में पूजा के दौरान सुपारी, अरक और लाल कपड़े चढ़ाए जाते है।
3. रावण मंदिर, आंध्रप्रदेश
रामायाण का सबसे बड़ा खलनायकर रावण को भी देश के कई हिस्सों में पूजा जाता है पर इनका मंदिर आंध्रप्रदेश में स्थित हैं। रावण का ये मंदिर आंध्रप्रदेश में ककीनाडा में स्थित है। रावण के और भी कई मंदिर भारत में है जैसे कानपुर, विदिशा, मंदसौर और मांदोर। इन मंदिरों में रावण की पूजा अर्चना काफी विधी विधान से की जाती है।
4. कर्ण मंदिर,उत्तराखंड
कर्ण महाभारत का काफी लोकप्रिय पात्र हैं। महाभारत में कर्ण को दानवीर कर्ण की संज्ञा दी गई थी। कर्ण को उसके पॉजिटिव रोल के लिए तो जाना ही जाता है। पर कर्ण ने महाभारत में पांडवों के विरूद्ध युद्ध मे साथ दिया था। जिस कारण उसे नकारात्मक पात्र कहा जाता है। दानवीर कर्ण का मंदिर भारत में देओरा, उत्तरकाशी में हैं। कर्ण मंदिर अन्य मंदिरों से काफी अलग है इसकी बनावट का तरीका भी अन्य मंदिरों से अलग है। कर्ण मंदिर पर लोगों की मान्यता है कि यहां पर मंदिर की दीवारों पर सिक्के फेंकने पर मन्नत पूरी होती है।
5. गांधारी मंदिर, मैसूर
कौरवों की मां गांधारी भी महाभारत में नेगेटिव रोल के लिए जानी जाती है। गांधारी का मंदिर मैसूर में स्थित हैं। ये मंदिर ज्यादा पुराना तो नहीं है पर इसका निर्माण 2008 में हुआ है।
6. भीष्म मंदिर, इलाहबाद
भारत में भीष्म का एकलौता मंदिर इलाहबाद में स्थित है। इलाहबाद में ये धारागंज के पास स्थित है। इस मंदिर में गंगापुत्र भीष्म पितामह की मूर्ति है। इस मूर्ति में भीष्म पितामह लेटे हुए है।
- - Advertisement - -