भारतीय संगीत एक महासागर, यूथ करे इसका मंथन
स्पिक मैके ने संगीत को युवाओं के बीच जीवंत बनाए रखा
मोदी ने स्पिक मैके के संस्थापक प्रो. किरण सेठ का अभिनन्दन करते हुए कहा कि इस संस्था ने शास्त्रीय संगीत, कला, साहित्य, लोक-संस्कृति के माध्यम से भारतीय विरासत को सहेजने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। देश के लाखों युवाओं को देश की संस्कृति के प्रति जागरूक और प्रेरित किया है। प्रो. किरण सेठ पिछले 40 वर्षों से इस सांस्कृतिक आंदोलन को एक कुशल नेतृत्व दे रहे हैं। वे एक ऐसे साधक हैं, जिनकी वर्षों की साधना ने भारतीय संगीत और संस्कृति को युवाओं के बीच जीवंत बनाए रखा है। पीएम ने कहा कि इस संस्था ने अपने समर्थकों के माध्यम से एक ऐसे परिवार का सृजन किया है, जिसने भारतीय संस्कृति को भौगोलिक सीमाओं की परिधि से निकालकर दुनिया को जागरूक करने में भी बड़ी भूमिका निभाई है।
भारत का संगीत सुनने का ही आनंद नहीं देता, बल्कि दिल और दिमाग तक पहुंचता है
उन्होंने कहा कि इस समारोह में हिस्सा ले रहे देश-विदेश के छात्र बहुत भाग्यशाली हैं कि उन्हें भारत के सर्वाधिक प्रतिष्ठित कलाकारों के, एक नहीं बल्कि बहुत सारे कार्यक्रमों को देखने का अवसर मिला है। इन समारोह में देश की सांस्कृतिक विविधता, उसकी भव्यता, सुंदरता, अनुशासन, विनम्रता, सहृदयता को महसूस किया जा सकता है। ये महान देश के प्रतीक हैं, भारत माता के प्रतीक हैं। उन्होंने कहा कि देश की मिट्टी से निकला संगीत, यहां की प्रकृति से जन्मा संगीत केवल सुनने का आनंद नहीं देता, बल्कि दिल और दिमाग तक पहुंचता है। भारतीय संगीत का प्रभाव व्यक्ति की सोच पर, उसके मन पर और उसकी मानसिकता पर भी पड़ता है।
भारत में संगीत – ‘जीवन जीने का एक तरीका’
मोदी ने कहा कि जब आप शास्त्रीय संगीत सुनते हैं, चाहे शैली कोई भी हो, स्थान कोई भी हो, इसे भले ही न समझ पाएं लेकिन यदि हम कुछ समय तक इसे ध्यान लगाकर सुनें तो असीम शांति का अनुभव होता है। हमारी तो पारम्परिक जीवनशैली में भी संगीत कूट-कूट कर भरा हुआ है। विश्व के लिए संगीत एक कला है, कई लोगों की खातिर संगीत आजीविका का साधन है, लेकिन भारत में संगीत एक साधना है, जीवन जीने का एक तरीका है।
कोई भी देश अपनी विरासत को भुलाकर आगे नहीं बढ़ सका
उन्होंने कहा कि भारतीय संगीत में हिमालय की ऊंचाई, गंगा की गहराई, अजंता-एलोरा की सुंदरता, ब्रह्मपुत्र की विशालता, सागर की लहरों जैसा पदन्यास और भारतीय समाज में रची-बसी आध्यात्मिकता है। इन सबका मिला-जुला प्रतीक बन जाता है। इसीलिए संगीत की शक्ति को समझने और समझाने में लोग अपनी जिंदगी खपा देते हैं। उन्होंने कहा कि भारत का संगीत, ये विरासत, इस देश के लिए, सभी के लिए आशीर्वाद की तरह है। एक बड़ी सांस्कृतिक विरासत है अपनी विरासत के प्रति लापरवाह बनकर नहीं रहा जा सकता। संस्कृति, कला, संगीत, साहित्य, अलग-अलग भाषाएं, प्रकृति ये सभी अनमोल विरासत हैं। कोई भी देश अपनी विरासत को भुलाकर आगे नहीं बढ़ सका है। सभी देशवासियों का कर्तव्य है इस विरासत को संभालने का, उसे और सशक्त करने का।
संगीत और कला सन्देश देती है – ‘प्रकृति को बचाया जाए’
पीएम ने कहा कि आज विश्व पर्यावरण दिवस भी है और संगीत और कला सन्देश देती है कि प्रकृति को बचाया जाए। समारोह में त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय, हरियाणा के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, रेल मंत्री सुरेश प्रभु, स्पिक मैके सलाहकार बोर्ड के अध्यक्ष डॉ कर्ण सिंह और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
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