Sunday, August 6th, 2017
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युवा उद्यमियों को प्रोत्साहित करेगी राज्य सरकार की स्टार्ट अप नीति




Education & Career

start-up

स्टार्टअप के मामले में मध्यप्रदेश सबसे पिछड़ा हुआ प्रदेश है। युवाओं के पास अच्छी सोच तो है पर उसे क्रिएट करने के आइडियाज की कमी है। न तो वो अपने आइडियाज को स्टार्टअप के अनुसार क्रिएट कर पा रहे हैं और न ही इन्हें शेयर कर पा रहे हैं। कुछ ही दिन पहले भोपाल में आयोजित हुए स्टार्टअप महाकुंभ में भी इंवेस्टर्स और विशेषज्ञों ने इस बात को स्वीकारा था कि जहां देशभर में स्टार्टअप खूब सफल हो रहा है वहीं मध्यप्रदेश के युवा इन स्टार्टअप के मामले में असफल हैं।

खैर, अब युवा उद्यमी की इन सभी समस्याओं को देखते हुए मध्यप्रदेश सरकार ने उद्यमियों के लिए इंक्यूबेशन और स्टार्टअप नीति बनाई है। इससे निजी इंक्यूबेटरों की स्थापना को प्रोत्साहित किया जाएगा। जिससे राज्य के स्टार्टअप्स को अपने आसपास के क्षेत्र में एक मजबूत सहयोगी बुनियादी ढांचा मिलेगा।

SBIC_Noordwijk_in_the_Netherlands_large

जानकारी के अनुसार प्रदेश में एस्पायर स्कीम के तहत देवास में लेदर और सतना में बांस कलस्टर के लिए एक-एक इंक्यूबेशन सेंटर स्थापित किया जाएगा। ग्वालियर में टेक्सटाइल इंक्यूबेशन सेंटर की स्थापना के लिए 16 करोड़ रूपए की मंजूरी केंद्र सरकार ने दी है।

प्रदेश में पिछले साल करीब 5 लाख 50 हजार युवाओं को केंद्र सरकार की मुद्रा और स्टैंडअप योजना में मदद दी गई थी। इस वित्त वर्ष में 7 लाख 50 हजार युवाओं को मुद्रा और स्टैंडअप योजना में आर्थिक मदद पहुंचाकर स्वरोजगार दिलाया जाएगा। जाहिर है ऐसी योजनाओं से न केवल उद्यमियों का हौंसला बढ़ेगा बल्कि नए स्टार्टअप्स के भी शुरू होने की अच्छी उम्मीद है।

लखनऊ में बनेगा देश का सबसे बड़ा स्टार्टअप इंक्यूबेटर
स्टार्टअप करिये, स्मार्ट बनिये

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