आयकर विभाग अब उन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने जा रहा है, जिन्होंने रिटर्न नहीं भरा है। अब तक ऐसी 4 लाख कंपनियों को आयकर विभाग नोटिस भेज चुका है जिन्होंने वित्त वर्ष 2013-14 और 2014-15 में आयकर रिटर्न नहीं भरा है। करीब एक महीने से आयकर विभग ऐसी कंपनियों को नोटिस भेज रहा है। इन कंपनियों ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए भी आयकर रिटर्न दाखिल नहीं किया है। हालांकि आयकर विभाग ने अभी भी इन कंपनियों को मौका दिया है।
आयकर विभाग इन कंपनियों को आयकर दाखिल करने के लिए 30 दिन की मोहलत दे रहा है। अगर ये कंपनियां इस दौरान भी रिटर्न नहीं भरती हैं तो विभाग इन कंपनियों का रजिस्ट्रेशन रद्द करने की तैयारी में है। इसी के साथ कंपनी मामलों का मंत्रालय ऐसा न करने वाली कंपनियों से संबंधित जानकारी भी सार्वजनिक कर देगी। इतना ही नहीं सबक सिखाने के लिए मंत्रालय कंपनी के डायरेक्टर्स और कंपनी से जुड़ी जानकारियां भी इंकम टैक्स डिपार्टमेंट , आरबीआई और बैंकों को दे देगा।
हालांकि कंपनी अधिनियम अभी भी कंपनियों को निष्क्रिय टैग चुनने का अवसर मुहैया कराता है, लेकिन बहुत कम कंपनियां ऐसी होती हैं , जो इसका चुनाव करती हैं। मार्च 2015 में वित्त वर्ष समाप्ति पर 14.6 लाख कंपनियों में से 10.2 लाख कंपनियों को एक्टिव घोषित किया गया था। जबकि कुल 214 कंपनियों को निष्क्रिय घोषित किया गया था।
सूत्रों के अनुससर नाम रद्द करने की धमकी मात्र से ही कंपनियों ने रिटर्न दाखिल करना शुरू कर दिया है।कंपनी मामलों के मंत्रालय से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि ऐसी कंपनियां सच में कारोबार कर रही हैं या फिर बस पेपर पर चल रही हैं। पहली हमें उनकी स्थिति की जांच करनी होगी। आपको बता दें कि आयकर रिटर्न दाखिल न करने वाली करीब 11 लाख भारतीय शैल कंपनियां आईटी विभाग की रडार पर हैं।