माध्यमिक स्कूलों में अग्रिम पंजीकरण कक्षा 9वी और 11वी के लिए ली गई फीस को लेकर स्कूल प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों और यूपी बोर्ड के बीच विवाद शुरू हो गया है। यूपी बोर्ड की शैल यादव ने 17 मई को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को पत्र लिखकर रजिस्ट्रेशन के मद में ली गई फिस को सीधे कोषागर में जमा करने के निर्देश दिए हैं, जबकि स्कूल प्रबंधक पूरी राशि जमा करने पर राजी नहीं है।
माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा कक्षा 9 और 11 के लिए 12 अपै्रल 2016 को छात्र के लिए जाने वाले अग्रिम पंजीकरण शुल्क के 20 रू. से बढ़ाकर 50 रू. कर दिया था। इसमें 20 रू. कोषागर में 10 रू. स्कूल के खाते में और बचे हुए 20 रू. सचिव यूपी बोर्ड के खाते में जमा करने की व्यवस्था थी। 20 रू. सचिव ने बोर्ड की व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए मंगवाए थे और 10 रू. स्कूलों को ऑनलाइन आवेदन पर पड़ने वाले खर्च को वहन करने के लिए दिया गया था।
11 मई 2017 को शासन ने सचिव को अलग से खाता खोलने की अनुमति नहीं देने पर सचिव ने 30 रू. को कोषागार में जमा करने के निर्देश दिए। स्कूल प्रबंधकों और प्रधानाचार्यों का कहना है कि, रजिस्ट्रेशन व दूसरे ऑनलाइन कार्यों के लिए उन्हें प्रति छात्र मिला 10रू. खर्च हो चुका है, इसलिए वापस करना संभव नहीं है।एमएलसी डॉ. यज्ञदत्त शर्मा के नेतृत्व में प्रधानाचर्यों के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सचिव शैल यादव से मुलाकात कर कोषागार में 30 की बजाय सिर्फ 20रू. ही जमा करवाने और इसके लिए समय सीमा 27 मई से बढ़ाकर जून के अंत तक करने की मांग की। इस पर सचिव ने उनका मांगपत्र शासन को भेजने का आश्वासन दिया है।