जीएसटी लागू होने के बाद लोगों को लग रहा है कि अब बच्चों को स्कूल में पढ़ाना महंगा हो जाएगा यानि की जीएसअी का असर स्कूल एजुकेशन पर भी आएगा, लेकिन अब देश के वित्त मंत्री ने लोगों की इस धारणा को तोड़ते हुए कहा है कि शिक्षा से जुड़े क्षेत्र में जीएसटी का कोई असर नहीं पड़ेगा। मंत्रालय ने कहा हे कि जीएसटी के लगने से पढ़ाई-लिखाई सस्ती हो गई है, क्योंकि कई चीजों पर टैक्स को काफी कम कर दिया है। हां, पढ़ाई में इस्तेमाल होने वाले स्टेशनरी आइटम्स पर जरूर जीएसटी लगा है, ऐसे में किताबें, पेंसिल, स्टेशनरी और स्कूल बैग को काफी सस्ता कर दिया गया है। वहीं स्कूलों को भी काफी सहूलियतें दी गई हैं।
बता दें कि स्कूल में बच्चों द्वारा इस्तेमाल में आने वाले आइटम्स को सरकार जीएसटी के दायरे में लेकर आई है, जिसके चलते ये आशंका लोगों के मन में बैठ गई थी कि इससे बच्चों की पढ़ाई महंगी हो जाएगी।
मंत्रालय के अनुसार स्कूल पूर्व शिक्षा या उच्चतर माध्यमिक स्कूल या उसके समकक्ष की शिक्षा देने वाले शिक्षण संस्थान द्वारा छात्रों के परिवहन, फैकल्टी और कर्मचारियों की सेवाओं को जीएसटी से बाहर रखा गया है। इसी तरह से उच्चतर माध्यमिक स्कूल तक की शिक्षा प्रदान करने वाले शिक्षण संस्थानों में केन्द्र, राज्य सरकार या संघ शासित प्रदेशों द्वारा प्रायोजित स्कीम के तहत दिये जाने वाले मिड-डे मिल सहित कैटरिंग को भी जीएसटी से बाहर रखा गया है। इन शिक्षण संस्थानों में सुरक्षा या क्लिनिंग या हाउसकीपिंग सेवायें भी जीएसटी से बाहर हैं। इतना ही नहीं इन शिक्षण संस्थानों द्वारा उच्चतर माध्यमिक तक दाखिला और परीक्षा आयोजित करने को भी जीएसटी से अलग कर दिया गया है।
पहले जितना ही है कैंटीन पर लगने वाला टैक्स
बयान में कहा गया है कि इसके परिणामस्वरूप उच्चतर माध्यमिक स्कूल तक की शिक्षा जीएसटी पर आउटपुट सेवाओं से प्रभावित नहीं होगी। हालाँकि सरकार ने कहा कि निजी सेवा प्रदाताओं द्वारा शिक्षण संस्थानाओं को दी जाने वाली परिवहन, कैन्टीन आदि की सेवाओं पर जीएसटी से पहले से सेवा कर लग रहा था और जीएसटी के बाद भी इन्हें यथावत रखा गया है।