विश्व में कई देश है जहां पर कई तरह की जनजाति रहती है। इन जनजाति की अपनी कुछ प्रथाएं ऐसी है जो काफी क्रूर टाइप की हैं लेकिन फिर भी ये लोग उसे फॉलो करते हैं। अगर आप भी देखेंगे तो शायद इस तरह की प्रथाएं करने से इनकार कर देंगे लेकिन अब ये इन जनजातियों की परंपरा है सदियों से चली आ रही है और इन्हें आदत हैं तो इन्हें इसे फॉलो करने में कोई एतराज नहीं है।
कई बार ऐसा कहा जाता है कि जो प्रथाएं इंसान को फायदा नहीं देती है इंसान उसे बदलने की कोशिश करता है और बदलकर रहता है। अब इस जिस प्रथा के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं उसका क्या फायदा है ये तो आपको पढ़कर ही समझ में आएगा। हम बात कर रहे हैं अफ्रीका के इथियोपिया में रहने वाली एक जनजाति सुरमा जनजाति की।
सुरमा जनजाति ओमो वैली में रहती है। इस जनजाति की एक प्रथा है जिसके अनुसार यहां पर लड़कियों के 12 साल के होने पर उन्हें एक पीड़ाकारक प्रथा से गुजरना पड़ता है। इस प्रथा के मुताबिक यहां पर लड़कियों को 12 साल के होने पर रेजर से गोदा जाता है जिसकी मदद से कुछ ख़ास निशान बनाए जाते हैं।
ऐसा माना जाता है कि ये निशान यहां की लड़कियों की खूबसूरती के निशान होते है। इस तरह के कई निशान रेजर की मदद से लड़कियों के शरीर के अलग-अलग पार्ट्स पर बनाए जाते हैं। ये पूरी प्रोसेस काफी दर्दनाक होती है। एक आम इंसान की तो अगर उंगली भी रेजर से कट जाए तो उसे काफी दर्द होता है। वहीं इस प्रथा में पूरी बॉडी पर निशान बनवाना वाकई दर्दनाक होता है।
अंग्रेजी वेबसाइट डेलीमेल के मुताबिक यहां लड़कियों को निशान बनाने से पहले लड़की के साथ उसकी मां भी होती है। ये प्रथा दस मिनट तक चलती है और चाकू और रेजर की मदद से लड़की को गोदा जाता है। इस दौरान लड़कियां अपना दर्द नहीं दिखाती। न ही वो रोती है और न ही वो चिल्लाती है।
Photos By-Eric Lafforgue