नोटबंदी को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक अहम फ़ैसला लिया है। रविवार देर रात पीएम नरेन्द्र मोदी ने अपने आवास पर वरिष्ठ मंत्रियों की एक बैठक बुलाई। इस बैठक में देश की आम जनता को राहत देते हुए कई बड़े फ़ैसले लिए गए हैं। सरकार ने पुराने नोटों की वैधता दस दिनों के लिए और बढ़ा दी है। सरकार के इस फ़ैसले के अनुसार पेट्रोल पम्पों, अस्पतालों, मेट्रो स्टेशनों, श्मशान घाट, दवा की दुकानों पर 24 नवम्बर तक 500 और 1000 के पुराने नोट स्वीकार किए जाएंगे। इनके अलावा बिजली और पानी के बिल जैसे केंद्र सरकार, राज्य सरकार द्वारा लिए जाने वाले सभी बिलों का भुगतान भी 24 नवंबर तक पुराने नोटों से हो सकेगा।
नकदी की समस्या से जूझ रहे लोगों को राहत देते हुए सरकार ने एटीएम से धनराशि निकासी की सीमा बढ़ाने का भी फ़ैसला किया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ’बैंकों को एटीएम से रोजाना निकासी की सीमा बढ़ाकर 2,500 रुपये करने का निर्देश दिया गया है। जबकि बैंक काउंटर से प्रति हफ्ते अधिकतम निकासी की सीमा 20,000 रुपये से बढ़ाकर 24,000 रुपये कर दी गई है। बैंक से प्रतिदिन 10,000 रुपये निकासी की सीमा को हटा दिया गया है।
कौन-कौन था इस बैठक में शामिल?
प्रधानमंत्री आवास पर हुई इस बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली, सूचना और प्रसारण मंत्री वैंकेया नायडू, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, बिजली और कोयला मंत्री पीयूष गोयल, आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास और कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। शशिकांत दास ने बताया कि देश के सभी टोल पर 24 नवंबर तक कोई टैक्स भी नहीं लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि लोगों को परेशान होने की ज़रूरत नहीं है। आरबीआई के पास पर्याप्त कैश है।
-सोमवार यानी कि आज आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिए बताया कि अब नोट बदलवाने के बुर्जुगों और दिव्यांगों के लिए अलग से लाइन लगगी। इस तरह से अब बैंक के बाहर चार लाइन होगी।