कई बार बुजुर्गो को कहते हुए सुना है कि सफलता पाने के लिए अनुभव का होना आवश्यक है और अनुभव उम्र के साथ या दूसरों के अनुभव से आता है लेकिन सफलता के लिए अनुभव के साथ हुनर और लगन का होना भी जरूरी है। सफलता कभी भी उम्र की मोहताज नहीं होती है और इसी को चरितार्थ कर दिखाया है 21 साल के मेनन शाह ने। मेनन ने 21 साल की उम्र में अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है और अब वे करोड़ों रूपए की कंपनी के मालिक है।
जिस उम्र में लोग कॉलेज जाते है पढ़ाई करते है उसी उम्र में अगर कोई मिडिल क्लास का लड़का करोड़ों रूपए की कंपनी खोल ले और इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बना ले तो वो सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। हम बात कर रहे है मेनन शाह की जिन्होंने अपनी सफलता उम्र के तजुर्बे से नहीं बल्कि अपनी मेहनत और लगन के दम पर पाई।
गुजरात के जंबूसर, भरूच में रहने वाले एक मिडिल क्लास फैमिली का लड़का मेनन, जिसे बचपन से ही कंप्यूटर में रूचि थी। घरवालों ने कभी नहीं सोचा होगा कि हमारा लड़का इतनी बड़ी कंपनी का मालिक होगा। मेनन को बचपन से ही कंप्यूटर का शौक था और जब उसे अपने 14वें बर्थडे पर कंप्यूटर गिफ्ट मिला तो उसने कंप्यूटर को ही अपनी दुनिया बना लिया।
कंप्यूटर का जुनून इतना परवान चढ़ा कि पूरे दिन बस कंप्यूटर। मेनन रोजाना कंप्यूटर के साथ-साथ नए-नए एक्सपेरिमेंट करता था। इन्हीं एक्सपेरिमेंट में मेनन ने सॉफ्टवेयर और प्रोग्रामिंग भी सीखी। एक साल के भीतर ही वह प्रोग्रामिंग में एक्सपर्ट हो गया। मेनन ने मात्र 16 साल की उम्र में ब्लैक एक्सपी नाम का एक सॉफ्टवेयर बनाया जिसे पूरी दुनिया में 20 लाख से ज़्यादा बार डाउनलोड किया गया।
मेनन के इसी सॉफ्टवेयर ने इंटरनेशनल लेवल पर उनकी पहचान बना दी। अब लोग मेनन को उसके सॉफ्टवेयर से जानने लगे थे। कंप्यूटर से अब मेनन की दोस्ती और भी गहरी हो गई थी। मेनन ने प्रोग्रामिंग और सॉफ्टवेयर के बाद हैकिंग की दुनिया की ओर इंट्रेस्ट लिया। 17 साल की उम्र में मेनन ने एक फोरम वेबसाइट बनाकर हैकिंग पर ब्लॉग लिखना शुरू किया।
मेनन के लिखे पोस्ट धीरे-धीरे पॉपुलर होते चले गए और 18 साल की उम्र मे मेनन को एक इंटरनेशनल एथिकल हैकर के रूप में ख्याति मिलने लगी। 19 साल की उम्र में अपनी काबिलियत के दम पर इन्होंने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड और गिनीज़ विश्व रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवा दिया। ये रिकॉर्ड ग्लोबल लेवल पर मेनन का सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करने के लिए था।
मेनन 19 साल की उम्र में साइबर सिक्योरिटी और हैकिंग एक्सपर्ट बन चुके थे। अब तक वे साइबर सिक्योरिटी और एथिकल हैकिंग पर चार किताबे भी लिख चुके थे। मेनन को गूगल और माइक्रोसॉफ्ट द्वारा भारत की टॉप10 हैकर्स की सूची में शामिल किया गया है। मेनन ने अभी तक कई साइबर सिक्योरिटी मामलों को सफलतापूर्वक हल किया है।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि 20 साल की उम्र में मेनन ने फेसबुक, नोकिया, ब्लैकबेरी, पेपल, स्काइप, ड्रॉपबॉक्स, गूगल, एप्पल, माइक्रोसॉफ्ट, एडोब, साउंडक्लाउड, सैमसंग जैसी कई दिग्गज कंपनियों को एप्लीकेशन में खामी ढूंढ उसे रिपोर्ट किया। 21 साल की उम्र में मेनन ने एक साइबर सिक्योरिटी फर्म ‘अवालांस ग्लोबल सॉल्यूशंस ’ नाम की कंपनी बनाई। यह कंपनी एक साइबर सुरक्षा समाधान प्रदाता के रूप में काम करती है जो ग्राहकों को वेब आधारित संसाधनों को सुरक्षित करने के लिए सक्षम बनाता है।