7. 1982 में एशियाई खेलों का आयोजन
इंदिरा गांधी ने जहां जंग के मैदान में सैनिकों के हौसलों को बढ़ावा दिया वहीं उन्होंने खेल जगत में भी कमाल कर दिखाया। साल 1982 में उन्होंने एशियाई खेलों का आयोजन कर पूरी दुनिया को बता दिया कि भारत भी एशियाई खेलों का आयोजन कर सकता है। इन खेलों के आयोजन के लिए इंदिरा गांधी ने स्वयं बहुत मेहनत की थी। हर चीज़ की जांच और व्यवस्था उन्होंने खुद करवाई थी।
8. हरित क्रांति
देश में एक समय ऐसा भी था जब देश अकाल और भूखमरी से जूझ रहा था उस समय भी इंदिरा गांधी ने धैर्य के साथ इस मुसीबत का सामना किया था। उन्होंने अमेरिका के साथ मिलकर हरित क्रांति पर काम किया। देश में बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके किसानों को कम ब्याज दर पर कर्ज मुहैया कराए। हरित क्रांति का असर भारत में आज भी देखने को मिलता हैं। उस समय हरित क्रांति के अंर्तगत सही तरीके से खेती करने और खेती से जुड़ी कई अन्य जानकारियां किसानों को मुहैया कराई गई।
9. गरीबी हटाओ
आज़ादी के बाद से ही देश में गरीबी और बेरोजगारी थी। भारत और पाकिस्तान के विभाजन के बाद से तो कई लोग बेघर और बेरोजगार हो गए थे। इंदिरा गांधी के पीएम रहते हुए उन्होंने भारत की गरीबी को हटाने का निश्चय किया। इसके लिए उन्होंने बीस सूत्रीय कार्यक्रम को जारी किया। उनके गरीबी हटाओं के नारे ने ही उन्हें दूसरी बार चुनावों में भारी मतों से विजयी बनाया था। भारत की जनता की चाहेती पीएम इंदिरा ने गरीबी हटाने के अथक प्रयास किए थे।
10. इमरजेंसी
एक तरफ तो इंदिरा गांधी पूरे देश की सबसे पसंदीदा प्रधानमंत्री बन गई थी वहीं दूसरी ओर उन्होंने देश के आंतरिक हालातों को बिगड़ता देख देश में इमरजेंसी की घोषणा कर दी। भारत में 26 जून 1975 को आपातकाल लगाया गया था। इंदिरा गांधी ने देश के बिगड़ते हालात को ठीक करने के लिए अशांति मचाने वाले विरोधियों के गिरफ्तारी के आदेश दे दिए। पूरे देश में आपातकाल लगाया गया। लेकिन उनके इस आपातकाल का असर उनके चुनावी परिणाम पर हुआ। जिसमें उनकी हार हुई। पूरे भारत में इस इमरजेंसी को आज भी याद रखा जाता है।
साल 1977 में इमरजेंसी के बाद चुनाव हुए जिसमें इंदिरागांधी की हार हुई और मोराजी देसाई प्रधानमंत्री बने। लेकिन सन् 1979 के शीतकालीन सत्र में राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया और इंदिरा गांधी फिर से सत्ता में आई। सत्ता में आने के बाद इंदिरा गांधी ने 1981 में ऑपरेशन ब्लू स्टार भी किया था। जिसमें पंजाब के स्वर्ण मंदिर में हजारों नागरिकों और तीर्थयात्रियों को आतंकियों के चंगुल से बचाया था।
31 अक्टूबर सन 1984 को पीएम इंदिरा गांधी की मौत का दिन था। इस दिन उनके ही बॉडीगार्ड ने उन्हें गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी इस दिन हमेशा के लिए अमर हो गई। हर किसी के जेहन में आज भी उनकी यादें ताज़ा है।