केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने आज ग्वालियर और भोपाल की कोर्टों में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मामले में 2 परीक्षार्थियों, 3 दलालों और 1 सॉल्वर के खिलाफ 2 आरोप-पत्र दाखिल किए हैं। दोनों ही मामलों में CBI ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जांच की थी और प्रकरण दर्ज किया था। CBI ने विशेष दंडाधिकारी (व्यापमं केस, ग्वालियर) की अदालत में 1 परीक्षार्थी के खिलाफ धारा 420 के तहत आरोप-पत्र दाखिल किया गया है।
पहला मामला : परीक्षार्थी ने भिंड के एक कम्प्यूटर सेंटर से 8 आवेदन करे
CBI ने फरवरी 2013 में ग्वालियर के मुरार पुलिस थाने में इस परीक्षार्थी के खिलाफ दर्ज FIR की जांच अपने हाथों में ली थी। FIR में आरोप लगाया गया था कि इस उम्मीदवार ने सब इंस्पेक्टर/सूबेदार/प्लाटून कमांडर परीक्षा-2012 के लिए कई आवेदन जमा किए थे। इस उम्मीदवार को एक ही परीक्षा केंद्र ग्वालियर के गव्ह. हायर सेकंडरी स्कूल-2 में 2 रोल नंबर आवंटित हुए थे। 16 सितंबर, 2012 को हुई परीक्षा में वह 1 प्रवेश पत्र के आधार पर शामिल हुआ और दूसरे प्रवेश पत्र से उसके स्थान पर उसका रिश्ते में भाई लगने वाले एक शख्स ने परीक्षा हल की। CBI की जांच में सामने आया कि इस परीक्षार्थी ने भिंड के एक कम्प्यूटर सेंटर से 8 आवेदन करे थे। FSL के विशेषज्ञों ने हैंड राइटिंग, हस्ताक्षर और अंगूठे के निशान के आधार पर बताया कि यह परीक्षार्थी पहले वाले रोल नंबर पर परीक्षा में शामिल हुआ था। इस मामले में सुनवाई की अगली तारीख 21 जुलाई निर्धारित की गई है।
दूसरा मामला : 1 परीक्षार्थी, 3 दलालों और 1 सॉल्वर के विरुद्ध आरोप-पत्र
एक अन्य मामले में विशेष न्यायिक दंडाधिकारी (CBI केसेस, भोपाल) की कोर्ट में 1 परीक्षार्थी, 3 दलालों और 1 सॉल्वर के विरुद्ध आरोप-पत्र दाखिल किया गया है। CBI ने जुलाई 2015 में हाई कोर्ट के आदेश पर पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा-2012 में उम्मीदवारों के चयन में अवैध तरीके अख्तियार होने के आरोप के मामले की जांच अपने हाथ में ली थी। इस मामले में आरोप है कि उम्मीदवार ने परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए दलाल के माध्यम से सॉल्वर की व्यवस्था की। पहले इस मामले की जांच कर रहा विशेष कार्य बल (STF) दलाल और सॉल्वर को नहीं पकड़ पाया था। CBI ने दाेनों को पकड़ा और आरोप-पत्र के साथ अदालत में पेश भी किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। एक अन्य आरोपी इस समय जमानत पर रिहा है।