यूपी की योगी आदित्य नाथ सरकार पूर्ववर्ती अखिलेश यादव सरकार के दिए गए कई ठेकों का “डिटेल्ड स्पेशल ऑडिट” कराने जा रही है। इस ऑडिट के द्वारा ज्यादा लागत दिखाने, ठेके देने में नियमों का उल्लंघन करने, जरूरी मंजूरी नहीं लेने और एक पार्क में सांप पकड़ने के लिए 9 करोड़ रु. देने की जांच विशेष तौर पर की जाएगी।
इन महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट्स का भी स्पेशल ऑडिट
BJP ने अपने से पूर्ववर्ती SP की सरकार की 3 महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में हुई कथित धांधली की शिकायतों के बाद ये फैसला लिया है। सूत्रों के अनुसार सरकारी ऑडिट में कुछ विशेष आरोपों की जांच खास तौर पर की जाएगी। जैसे कि जनेश्वर मिश्रा पार्क परियोजना में 20-20 लाख रु. की नावें खरीदना, 14 करोड़ रु. घास लगाने और भूविकास पर और पार्क में सांप पकड़ने के लिए 9 करोड़ खर्च करना। अधिकारियों के अनुसार सीएम योगी आदित्य नाथ ने जनेश्वर मिश्रा पार्क और जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (JPNIC) के निर्माण में आई लागत, पुराने लखनऊ के हुसैनाबाद इलाके के विस्तार के खर्च की “डिटेल्ड स्पेशल ऑडिट” के आदेश दे दिए हैं। इन तीनों परियोजनाओं का काम सीधे अखिलेश यादव की निगरानी में हुआ था। सीएम रहने के दौरान अखिलेश के पास हाऊसिंग विभाग था, जिसके द्वारा ये तीनों काम हुए थे।
JPNIC : 864 करोड़ खर्च करने के बाद काम अधूरा
जांच अधिकारियों के अनुसार JPNIC को विकसित करने में 864 करोड़ रु. खर्च करने के बाद भी उसका काम अधूरा है। जनेश्वर मिश्रा पार्क में विकास कार्य पर 396 करोड़ रु. खर्च किए गए। हुसैनाबाद विकास कार्य पर 265 करोड़ रु.। सूत्रों के अनुसार इन तीनों परियोजनाओं के लिए मंजूर की गई प्रारंभिक बजट से ये खर्च करीब दोगुने हैं। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अनिल गर्ग ने कमेटी की रिपोर्ट की अनुशंसा बताने से इनकार करते हुए इस बात की पुष्टि की कि JPNIC और हुसैनाबाद हेरिटेज जोन प्रोजेक्ट का “डिटेल्ड स्पेशल ऑडिट” कराया जा रहा है।
जांच के लिए 3 अलग-अलग कमेटियां
मार्च 2017 में योगी आदित्य नाथ ने सीएम पद की शपथ ली। 2 महीने बाद मई में लखनऊ के डिविजनल कमिश्नर अनिल गर्ग ने इन तीनों परियोजनाओं की जांच के लिए 3 अलग-अलग कमेटियां बनाई। हर कमेटी में PWD के 1 चीफ इंजीनियर, 1 सुपरिटेंडिंग इंजीनियर और 2 एग्जिक्यूटिव इंजीनियर और अन्य सदस्य हैं। इन कमेटियों ने अपने रिपोर्ट में पिछले हफ्ते “विशेष ऑडिट” की अनुशंसा की थी।