अरविंद केजरीवाल देश के वो नेता है जो हमेशा सुर्खियों में बने रहते है। वे दिल्ली के सीएम होने के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के कर्ता-धर्ता भी है। इन दिनों उनके ऊपर एक से बड़कर एक मुसीबतों का पहाड़ टूट रहा है। पहले तो कपिल मिश्रा ने उन पर आरोप लगाए थे और अब देश के वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भी उन पर मानहानि का दावा ठोक दिया।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही है। पार्टी में उठ रहे विरोध के स्वरों के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने श्री केजरीवाल पर दस करोड़ रुपये का मानहानि का एक और दावा ठोक दिया है। दिल्ली जिला एवं क्रिकेट संघ(डीडीसीए) में कथित वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाने पर श्री जेटली ने पहले ही श्री केजरीवाल पर दस करोड़ रुपये का आपराधिक मानहानि का दावा किया हुआ है।
श्री जेटली ने नया मुकदमा डीडीसीए मुकदमे की पिछली सुनवाई के दौरान श्री केजरीवाल के वकील राम जेठमलानी द्वारा उनके लिए “ बदमाश ” शब्द का इस्तेमाल किए जाने पर दिल्ली उच्च न्यायालय में किया है। पिछले सप्ताह गुरुवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में ही मुकदमे की सुनवाई के दौरान श्री केजरीवाल की तरफ से पैरवी कर रहे श्री जेठमलानी ने केंद्रीय मंत्री को “ क्रुक” कहा । श्री जेटली इससे नाराज हो गये और श्री जेठमलानी के साथ उनकी तीखी बहस भी हुयी। इसकी वजह से सुनवाई स्थगित करनी पड़ी।
श्री जेठमलानी का कहना था कि बदमाश शब्द का इस्तेमाल श्री केजरीवाल के कहने पर किया गया था। नये मुकदमे में श्री जेटली के वकील माणिक डोगरा ने बताया कि हमने श्री केजरीवाल पर दस करोड़ रुपये का हर्जाना मांगते हुये मानहानि का नया मुकदमा दायर किया है। श्री डोगरा ने कहा कि श्री जेठमलानी ने न्यायालय में यह कहा था कि उन्होंने ‘बदमाश’ शब्द का इस्तेमाल अपने मुवक्किल के कहने पर किया था। दिसंबर 2015 में श्री जेटली ने डीडीसीए मामले में श्री केजरीवाल और आम आदमी पार्टी(आप) के पांच अन्य नेताओं कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह, दीपक बाजपेयी और राघव चड्डा पर उनके 2000- 2013 के बीच डीडीसीए में वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाने पर दस करोड़ रुपये का आपराधिक मानहानि का मुकदमा किया था।