आज भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के PSLV-C38 रॉकेट ने सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से, पृथ्वी सर्वे सैटलाइट कार्टोसैट-2 और 30 अन्य नैनो सैटलाइट्स के साथ सफल उड़ान भर कर एक बार फिर इतिहास रच कर दिया है। 712 किलोग्राम वजनी कार्टोसैट-2 अभी तक का सबसे भारी सैटलाइट्स है जो भारत के सरहदी और पड़ोस के इलाकों पर 500 किमी से भी ज्यादा ऊंचाई से अपनी पैनी नजर रखेगा और सरहदों के करीब दुश्मन की हर हरकत का पता लगा सकेगा, और साथ ही स्मार्ट सिटी नेटवर्क की योजनाओं में भी मददगार होगा।
कार्टोसैट-2 सैटलाइट लॉन्च से भारतीय सेना को भी फायदा होगा और सेना की निगरानी से जुड़ी ताकत बढ़ेगी। आतंकी कैंपों और बंकर्स की पहचान कर के उनपर नजर रखने में बहुत मदद मिलेगी। कार्टोसैट के साथ 243 किलोग्राम वजनी 30 अन्य सह नैनो सैटलाइट्स को भी एक साथ प्रक्षेपित किया गया है, इस लॉन्च के साथ ही इसरो की ओर से कुल स्पेसक्राफ्ट मिशनों की संख्या 90 हो गई। इन सभी उपग्रहों का कुल वजन करीब 955 किलोग्राम है।
PSLV-C38 रॉकेट से भेजे जा रहे इन सैटलाइट्स में भारत के अलावा ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, चिली, चेक गणराज्य, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका सहित 14 देशों के नैनो सैटलाइट्स शामिल हैं। भारत के नैनौ सैटलाइट का नाम NIUSAT है, जिसका वजन महज 15 किलोग्राम है। यह खेती के क्षेत्र में निगरानी और डिज़ास्टर मैनेजमेंट में काम आएगा