देश के करीब 6 लाख से अधिक गांवों के कलाकारों का डेटाबेस तैयार करने की केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय की महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत 17 जून से जनसंघ के दिवंगत नेता प. दीनदयाल उपाध्याय के गृहनगर मथुरा से होगी।अधिकारियों ने बताया कि इसकी शुरुआत जनसंघ नेता स्व. प. दीनदयाल की जन्मशताब्दी के अवसर पर सरकार द्वारा साल भर चलने वाले कार्यक्रमों का एक हिस्सा है।
470 करोड़ रू. की लागत वाली ‘भारत का सांस्कृतिक मानचित्रण’ योजना
करीब 470 करोड़ रू. की लागत वाली ‘भारत का सांस्कृतिक मानचित्रण’ योजना को संस्कृति मंत्रालय की सबसे बड़ी योजना बताया जा रहा है। इस कार्यक्रम के तहत कलाकारों और लेखकों का मूल्यांकन किया जाएगा और इसके आधार पर विभिन्न कार्यक्रमों में भेजा जाएगा। इस योजना की शुरुआत 17 जून से होगी और इसे मंत्रालय की विभिन्न सांस्कृतिक योजनाओं के तहत सहायता राशि मिलेगी।
कलाकारों को वह मिलेगा, जो उन्हें मिलना ही चाहिए
संस्कृति मंत्री महेश शर्मा ने PTI को बताया कि यह कार्यक्रम केवल कलाकारों के डेटाबेस तैयार करने भर से नहीं जुड़ा है बल्कि इससे रोजगार सृजन का मार्ग भी प्रशस्त होगा। साथ ही इससे वेतन के मानकीकरण में भी मदद मिलेगी। उन्होंने आगे कहा कि जिनको पहचान नहीं मिल सकी है और जिन्हें बहुत कम पारिश्रमिक मिलता है, उन्हें उनके काम के अनुसार मूल्य मिलेगा। यह विभाग की सबसे बड़ी योजना है और देश भर के लाखों कलाकारों को वह मिलेगा, जो उनकी प्रतिभा के अनुसार उन्हें मिलना ही चाहिए।
CCRT वेबसाइट पर करें मूल्यांकन के लिए आवेदन
विदेशों में आयोजित होने वाले समारोहों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए वर्ष 2015 के मध्य में प्रायोगिक आधार पर शुरू किए गए इस योजना के तहत 185 कलाकारों को तीन श्रेणियों:- O-आउटस्टैंडिंग, P-प्रॉमिशिंग तथा W-वेटिंग में वर्गीकृत किया गया था। मंत्रालय के नौकरशाहों और चयनित कलाकारों की एक उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने हाल ही में इन कलाकारों का मूल्यांकन भी किया था। कलाकार सांस्कृतिक संसाधन और प्रशिक्षण केंद्र (CCRT) की वेबसाइट के जरिए भी मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं।