पांच पन्नों के ई-मेल में छलका साइरस का दर्द
जी हां पांच पन्नों के ई-मेल में टाटा ग्रुप के चेयरमेन पद से हटाए जाने वाले साइरस मिस्त्री का दर्द छलक पड़ा। साइरस ने कंपनी के बोर्ड मेंबर्स और ट्रस्टी को पांच पन्नों का एक ई-मेल भेजा। इस ई-मेल में उन्होंने खुलकर कंपनी की रणनीति और विवादित लेन देन का जिक्र किया। इतना ही नहीं साइरस ने अपने इस ई-मेल में रतन टाटा पर कई आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा, ग्रुप में उन्हें सिर्फ़ नाम का चेयरमेन बनाया गया था। उनके पास काम करने की आजादी तक नहीं थी।
मिस्त्री ने कहा कि उनके पास फ़ैसले लेने का कोई अधिकार नहीं था। साइरस के अनुसार उनका महत्व कम करने के लिए समूह में फ़ैसले लेने वाले लोग अलग से लाए गए थे। जो ऑल्टरनेटिव पॉवर सेंटर की तरह काम करते थे। सूत्रों के अनुसार, मिस्त्री ने अपने मेल में ये भी लिखा है कि वह बोर्ड के इस फ़ैसले से शॉक्ड हैं। उन्हें अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया।
बहरहाल, इस मेल में साइरस ने कंपनी को एक सुझाव भी दिया है। उन्होंने कहा कि कंपनी को नैनो को बंद कर देना चाहिए। नैनो पर सवाल उठाते हुए साइरस ने कहा, लगातार इस कंपनी के मूल्य में कमी होती चली गई, मुनाफे के आसार भी बंद हो गए। इसलिए नैनो को बंद कर देना चाहिए था। साइरस ने आगे बताया कि कंपनी भावनात्मक कारणों से नैनो को बंद करने का फ़ैसला नहीं ले पाई। साइरस ने यह भी बताया कि इससे एक दूसरी कंपनी को सप्लाई किया जाने वाला नैनो ग्लिडर्स का निर्माण बंद हो जाता, उस कंपनी में रतन टाटा के भी शेयर हैं।